भूलकर भी न करें गणेश जी की पूजा करते समय ये गलतियां, आ सकती हैं मुसीबतें

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आपका राशिफल- 15 अप्रैल, 2020 - horoscope news in hindiJyotish :-बुधवार को इनकी आराधना करने से समस्त विघ्नों का नाश होता है। सभी देवी-देवताओं से पहले इनकी आराधना की जाती है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत इन्हीं की पूजा-अर्चना से की जाती है। शास्त्रों में भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता अर्थात सभी तरह की परेशानियों को खत्म करने वाला बताया गया है। गणपति की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन के सभी संकटों का नाश होता है। इसके साथ ही धन-संपदा, बुद्धि, विवेक, समृद्धि आदि में वृद्धि होती है। लेकिन ध्यान रहे उनकी पूजा में हुई थोड़ी-सी भी चूक आपको मुसीबत में डाल सकती है।

इन बातों का रखे विशेष ध्यान….

— जो लोग बुधवार के दिन व्रत रखते हैं और गणेश जी की पूजा करते हैं। उन्हें नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसे अशुद्ध माना जाता है। ऐसा करने पर जीवन में संकट आ सकते हैं।

— गणेश जी की पूजा कभी भी काले वस्त्र पहनकर नहीं करनी चाहिए। क्योंकि ये नकारात्मकता का रंग माना जाता है। जबकि गजानन की आराधना पीले, सफेद या लाल रंग के कपड़े पहनकर करनी चाहिए।

— गणेश चतुर्थी की पूजा में किसी भी व्यक्ति को नीले और काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। ऐसे में लाल और पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है।

गणपति की पूजा में नई मूर्ति का इस्तेमाल करें। पुरानी मूर्ति को विसर्जित कर दें। घर में गणेश की दो मूर्तियां भी नहीं रखनी चाहिए।

— भगवान गणेश की मूर्ति के पास अगर अंधेरा हो तो ऐसे में उनके दर्शन नहीं करने चाहिए। अंधेरे में भगवान की मूर्ति के दर्शन करना अशुभ माना जाता है।

— गणेश भगवान के सामने दीपक जलाते समय बार-बार उसका स्थान न बदलें। क्योंकि कई लोग दीया जमीन पर जलाने के बाद उसे सिंघासन पर रखते हैं या उसकी स्थिति को ठीक करते हैं। मगर ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से पूजा का कोई फल नहीं मिलेगा।

— जो लोग बुधवार के दिन व्रत रखते हैं और गणेश जी की पूजा करते हैं उन्हें नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसे अशुद्ध माना जाता है। ऐसा करने पर जीवन में संकट आ सकते हैं।

— गजानन को भोग में लगाई गई चीजें पूजा के बाद सिंघासन पर न छोड़ें। इससे घर में दरिद्रता आ सकती है। पूजन के बाद इसे दूसरों को प्रसाद के तौर पर बांट दें और खुद भी ग्रहण करें।

— गणेश जी को कभी भी पूजा में तुलसी के पत्ते न चढ़ाएं। क्योंकि एक बार तुलसी गणेश जी को देखकर उन पर मोहित हो गई थी और उनसे विवाह करना चाहती थीं। मगर गणेश ने उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया। तभी तुलसी ने गजानन को दो शादी करने का श्राप दे दिया था।

— लंबोदर को दूर्वा बहुत पसंद है क्योंकि एक बार उनके पेट में जलन पड़ रही थी। तब उन्हें 21 गांठों वाली दूर्बा दी गई थी। ऐसे में पूजा में 21 गांठों वाली दूर्वा ही चढ़ाएं। इससे कम दूर्वा चढ़ाने पर पूजा सार्थक नहीं मानी जाएगी।

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