चाणक्य नीति: मनुष्य को समय हो तो इन बातों का अवश्य अभ्यास करना चाहिए
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में मनुष्य को मानव जीवन की सभी समस्याओं के समाधान के बारे में बताया है l जिसमें सभी समाधान मौजूद हैं l आचार्य ने अपने नीति शास्त्र में कहा है कि अगर कोई व्यक्ति बुढ़ापे में सुख और शांति चाहता है तो इन 5 चीजों का होना जरूरी है आइए जानते हैं कौन सी 5 आदतें जिन्हें अपनाकर बढ़ती उम्र बढ़ती है बुढ़ापा l
*चाणक्य के सिद्धांतों के अनुसार बुढ़ापे में आपके सिर में जो अन्न है, वह आपकी संतान नहीं है, आपकी संतान ही आपको रूप देगी।
*चाणक्य के सिद्धांत के अनुसार, भगवान आपकी छवि में नहीं, बल्कि आपके चरित्र में निवास करते हैं। यदि आपका चरित्र बेदाग रहेगा, तो बुढ़ापे में सभी आपका सम्मान करेंगे। मनुष्य का चरित्र ही उसका सबसे बड़ा आभूषण है।
*चाणक्य ने कहा कि व्यक्ति को कभी भी अपने पद का घमंड नहीं करना चाहिए, क्योंकि जिसे अपने पद का घमंड होता है वह कभी दूसरों के बराबर नहीं हो पाता और बुढ़ापे में अकेला रह जाता है।
* युवावस्था में आपको जितना हो सके दूसरों की मदद करने का भाव रखना चाहिए, क्योंकि इससे आपको बड़े होने पर उनके करीब आने में मदद मिलेगी।
*आचार्य चाणक्य के सिद्धांत के अनुसार भेदभाव लोगों के बीच दूरियां बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति अकेला हो जाता है।