पुराना गढ़ जीतने के लिए कांग्रेस अपनाएगी बंगाल का फॉर्मूला? त्रिपुरा में लेफ्ट से गठबंधन की अटकलें

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2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस और वाम दल साथ मिलकर पूर्वोत्तर के राज्यों का चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि दोनों पक्षों की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है। खास बात यह है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस और वामदल साथ आए थे, लेकिन दोनों का खाता नहीं खुल सका था.

जानकारी के मुताबिक फरवरी में होने वाले चुनाव के लिए कांग्रेस और लेफ्ट साथ आ सकते हैं। गौरतलब है कि सीपीएम और कांग्रेस सहित पांच दलों ने मंगलवार को लोगों से धर्म, जाति और समुदाय से ऊपर उठकर बीजेपी शासन के खिलाफ एकजुट होने की अपील की थी.

दूसरी ओर, भाजपा विपक्षी दल के साथ आने की संभावना से इनकार कर रही है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल की तरह त्रिपुरा की जनता भी उन्हें नकार देगी. दोनों दलों ने आदिवासी स्वायत्तशासी और नगरीय निकाय चुनाव में खराब प्रदर्शन किया है और आने वाले विधानसभा चुनाव में भी ऐसा ही दोहराएंगे।’

खबरों के मुताबिक कांग्रेस नेता और त्रिपुरा प्रभारी अजय कुमार ने भी संभावित गठबंधन के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि हम इन फासीवादी ताकतों के खिलाफ लड़ने आए हैं और त्रिपुरा के लोगों को अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा नीत गठबंधन ऐसे लोगों के साथ आना चाहता है जिनका भाजपा के भ्रष्ट शासन के कारण मोहभंग हो गया है।

इसके अलावा, कांग्रेस के शीर्ष नेताओं और माकपा में उनके समकक्षों को कई मौकों पर एक ही मंच साझा करते देखा गया। इससे त्रिपुरा में संभावित गठबंधन की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं।

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