रेलगाड़ी की तरह लोहे के पहियों पर कार क्यों नहीं चल सकती? जानिए इसके पीछे की वजह
आप रेल गाड़ी और आपने कार के पहिए भी देखे होंगे, लेकिन जहां ट्रेन केवल स्टील के पहियों पर ही चल सकती है, वहीं कार को चलने के लिए टायर के पहियों की जरूरत होती है। तो क्या आपने कभी सोचा है कि एक कार को लोहे के पहियों वाली ट्रेन की तरह क्यों नहीं चलाया जा सकता? ऐसे विचार बहुत कम लोगों के मन में आते होंगे, लेकिन उनके पीछे की जानकारी को समझना भी जरूरी है। तो आइये जानते हैं इसके बारे में.
दरअसल ट्रेन के पहिये लोहे के बने होते हैं जो स्टील से बनी पटरियों पर चलते हैं। ट्रेन के पहिये स्टील के बने होते हैं क्योंकि स्टील ही ट्रेन के भारी वजन को संभाल सकता है। इसके अलावा ट्रेन का ट्रैक ठीक होता है और ट्रैक खुरदरी सतह पर न होकर समतल सतह पर होता है जिससे गति पकड़ने में आसानी होती है।
संतुलन बिगड़ जायेगा
अगर कार में सिर्फ स्टील के पहिए लगाए जाएंगे तो उसे चलाना और संभालना भी मुश्किल हो जाएगा। दरअसल कार के पहियों में लगे रबर के टायर सड़क को पकड़ते हैं जिससे कार आगे बढ़ती है। अगर टायर न हों तो गाड़ी सड़क पर फिसलने लगेगी. इसके अलावा कार के टायर गड्ढों से लगने वाले झटके को अवशोषित कर लेते हैं और कुशन की तरह काम करते हैं। अगर पहियों में टायर की जगह सिर्फ लोहा लगा हो तो गाड़ी चलाते वक्त झटके ज्यादा लगेंगे। लोहे के पहियों के भारी वजन के कारण कार ठीक से चल नहीं पाएगी और इंजन भी खराब हो जाएगा। यही कारण है कि कार रेलगाड़ी की तरह लोहे के पहियों पर नहीं चल सकती।
शोर-शराबे से परेशानी होगी
अगर किसी कार में लोहे के पहिये हों तो एक नहीं बल्कि कई नुकसान होते हैं। जब लोहे के पहियों वाली कार सड़क पर चलती है तो उससे निकलने वाले शोर से आप परेशान हो जाएंगे। आवाज इतनी तेज होगी कि आप कुछ मिनटों से ज्यादा कार नहीं चला पाएंगे. यह शोर रेल यात्रा के दौरान होने वाले शोर से भी ज्यादा होगा. इसके अलावा लोहे के पहियों में घर्षण कम होने के कारण ब्रेक लगाने पर कार न तो ठीक से रुकेगी और न ही अच्छी गति पकड़ेगी। अगर ऐसा हुआ तो माइलेज भी कम हो जाएगा।