वायनाड में केदारनाथ जैसी त्रासदी: जो रात में सोया, सुबह मलबे में मिला 4 घंटे में ऐसे तबाह हो गए 22 हजार की आबादी वाले 4 गांव

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वायनाड में जब लोग मंगलवार की सुबह उठे, तो कुछ यही भयावह मंजर लोगों को देखने को मिला. जैसे ही वायनाड में मूसलाधार बारिश हुई, चूरलमाला गांव का एक बड़ा हिस्सा शहर के सबसे भीषण भूस्खलन में बह गया. बचावकर्मी, जिन्हें जीवित बचे लोगों की मदद के लिए लगाया गया था, उनका कहना है कि उन्हें अंदाजा ही नहीं था कि आपदा कितनी बड़ी है. रात 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच इलाके में एक के बाद एक 3 भूस्खलन हुए. भारी भूस्खलन के बाद दुकानों और वाहनों सहित चूरलमाला शहर का एक हिस्सा लगभग पूरी तरह से बर्बाद हो गया है.

केरल के वायनाड में कई जगहों पर भूस्खलन की वजह से भारी तबाही हुई है.इसको लेकर राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार को कहा कि भूस्खलन की वजह से अब तक 93 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 128 लोग घायल हैं. विजयन ने कहा कि मृतकों में से 34 शवों की पहचान कर ली गई है और 18 शवों को परिवारों को सौंप दिया गया है.

केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन की घटना में भारी तबाही हुई है. इस मामले में अब तक 84 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. सैकड़ों अन्य लोग अब भी फंसे हुए हैं. जानकारी के मुताबिक भूस्खलन से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में चूरलपारा, वेलारीमाला, मुंडकायिल और पोथुकालू शामिल हैं. एनडीआरएफ (NDRF) की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं. युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य जारी है. साल 2018 में भी केरल में इस तरह की घटनाएं हुई थी. उस दौरान भी बहुत अधिक बारिश के कारण भूस्खलन हुआ था.

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