एटीएम कार्ड के अन्दर होता है कुछ ऐसा जिसे जानकर आप हो जायेंगे हैरान
एटीएम कार्ड की तकनीक कितनी पेचीदा है, यह आप शायद नहीं जानते होंगे और इसके पीछे एक कारण है, एटीएम कार्ड बाहर की तरफ प्लास्टिक से बना एक साधारण कार्ड होता है। ऐसे में लोग अंदर से ऐसा ही सोचते हैं, जबकि ऐसा नहीं है क्योंकि एटीएम कार्ड बाहर से देखने में जितना साधारण दिखता है, बल्कि अंदर से उतना ही जटिल होता है और इसे तैयार करने में एक खास तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. जो कॉन्टैक्टलेस पेमेंट में काफी काम आता है।
किस तकनीक का प्रयोग किया जाता है?
आपको बता दें कि डेबिट कार्ड से कॉन्टैक्टलेस पेमेंट करने के लिए Radio-Frequency Identification (RFID) तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. यह तकनीक आपको कार्ड को छूकर ही भुगतान करने की अनुमति देती है। कार्ड के अंदर एक चिप लगी होती है, जिसे आपने देखा ही होगा। कार्ड रीडर के पास लाने पर यह चिप सक्रिय हो जाती है। पाठक से एक संकेत चिप को शक्ति देता है, हालांकि यह एक एम्बेडेड एंटीना का उपयोग करता है। यदि यह एंटीना डिस्कनेक्ट हो जाता है, तो डेबिट कार्ड चिप काम नहीं करेगी। ऐसे में आपके कार्ड से कोई भुगतान नहीं हो पाएगा।
हमने टूटे हुए एटीएम कार्ड देखे
हमने अभी जिस एंटीना की बात की थी, वही एंटीना हमने डेबिट कार्ड में देखा था जो पतले तांबे के तार से बना होता है जो कार्ड के अंदर ही होता है लेकिन आप इसे बाहर से नहीं देख सकते हैं। ये तांबे के तार डेबिट कार्ड में लगे चिप को सक्रिय करने का काम करते हैं, जो भुगतान प्रक्रिया को पूरा करने में मदद करता है। यदि आप कभी किसी पुराने डेबिट कार्ड को तोड़कर खोलते हैं, तो आपको यह एंटीना तार अवश्य दिखाई देगा।