हज करने गए 1126 लोगों की मौत की वजह आई सामने, सऊदी अरब पर लगा आरोप तो खोल दिया सारा ‘काला चिठ्ठा
सऊदी अरब में हज के दौरान 1126 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. सऊदी सरकार पर हाजियों के लिए उचित व्यवस्था न करने के आरोप लग रहे हैं. जिसके बाद अब सऊदी अरब की तरफ से पहली बार इस मामले में बयान आया है.
अधिकारी ने खोली पोल
सऊदी अरब के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार (21 जून) को हज यात्रा के खाड़ी राज्य के प्रबंधन का बचाव किया, जिस आरोप था कि लोगों की अच्छे से देखभाल नहीं की गई और अब तक विभिन्न देशों से 1,100 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जिसमें भीषण गर्मी की वजह प्रमुख बताई गई. जिसके बाद मौतों पर सरकार की पहली टिप्पणी आई है. सऊदी अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया, “राज्य विफल नहीं हुआ, लेकिन लोगों की ओर से गलत निर्णय लिया गया, जिन्होंने जोखिमों को नहीं समझा.”
मिस्र के सबसे अधिक लोगों की मौत
न्यूज एजेंसी एएफपी ने 1,126 लोगों की मौत की पुष्टि की, जिनमें से आधे से अधिक मिस्र से थे. जिसमें राजनयिकों की आधिकारिक बयानों और रिपोर्टों को आधार बनाया गया है.
इन दो दिनों में सबसे अधिक मौत
सऊदी अरब के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सऊदी सरकार ने हज के दो सबसे व्यस्त दिनों में 577 मौतों की पुष्टि की है. जिसमें शनिवार को खूब मौत हुई, उस दिन तीर्थयात्री माउंट अराफात पर तपती धूप में घंटों प्रार्थना करने के लिए एकत्र हुए थे, और दूसरा दिन रविवार को था जब मीना में “शैतान को पत्थर मारने” की रस्म हो रही थी.
18 लाख लोग हज करने आए
सऊदी अधिकारियों ने पहले कहा था कि इस साल 1.8 मिलियन तीर्थयात्रियों ने भाग लिया, जो पिछले साल के समान ही है, और 1.6 मिलियन विदेश से आए थे. अधिकारी ने यह स्वीकार किया कि 577 का आंकड़ा आंशिक है और पूरे हज यात्रा के दिनों को कवर नहीं करता. उन्होंने कहा कि यह कठिन मौसम की स्थिति और भीषण तापमान के कारण हुआ.
मरने की एक वजह
अधिकारी ने बताया कि हज करने का कोटा देशों के आधार पर बांटा जाता है. लॉटरी के जरिए इन्हें वितरित किया जाता है. परमिट होने के बावजूद एक भारी लागत लगती है. कई ऐसे लोग हैं जो बिना परमिट हज यात्रा करने की कोशिश करते हैं. उन्हें गिरफ्तारी या निर्वासन का सामना करना पड़ता है. लोग पैसा बचाने के लिए गलत तरीके से हज करने आते हैं, जिनका रिकार्ड कोई सरकार के पास नहीं होता है.
गलत रास्ते से हज करने आना
अधिकारी ने बताया कि बहुत सारे लोग पैसे बचाने के चक्कर में गलत रास्ते से देश में घुस आते हैं, जिससे उनके हज़ारों डॉलर बच जाते हैं. इनका भी रिकॉर्ड मुश्किल से मिलता है. जबसे सऊदी अरब ने सामान्य पर्यटन वीज़ा पेश किया, जिससे खाड़ी राज्य में प्रवेश करना आसान हो गया है.इस साल के हज से पहले सऊदी अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने मक्का से 300,000 से अधिक संभावित तीर्थयात्रियों को जाने दिया है जिनके पास हज परमिट नहीं था.
बिना वीजा भी हज के लिए सऊदी पहुंचे यात्री
हालांकि हर साल की तरह इस साल भी हजारों ऐसे यात्री हैं जो बिना वीजा के हज के लिए मक्का गए हैं. पैसे की कमी के चलते कई यात्री वीजा नहीं बनाते हैं और गलत तरीके से मक्का पहुंचने की कोशिश करते हैं. हालांकि ऐसा करना काफी खतरनाक माना जाता है. छुप-छुप कर मक्का पहुंचने के लिए उन्हें कड़ी धूप वाले इलाके से गुजरना पड़ता है जिसमें कई लोगों की जान चली जाती है.
सबसे ज्यादा मरने वाले मिस्र से
अधिकारी ने कहा कि अनुमान के मुताबिक 4 लाख अपंजीकृत तीर्थयात्रियों के होने का अनुमान है. अधिकारी ने मिस्र की ओर इशारा करते हुए कहा कि लगभग सभी एक ही राष्ट्रीयता वाले हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 650 से ज्यादा मिस्र के लोगों की मौत हुई, जिसमें से लगभग 630 के पास परमिट नहीं था.
भारत के कितने हज यात्री मारे गए
भारत से हज के लिए मक्का गए कई यात्रियों की मौत होने की आशंका कई दिनों से जताई जा रही थी. मगर अब विदेश मंत्रालय की ओर से पहली बार आधिकारिक रूप से मक्का गए भारतीय हज यात्रियों की मौत की सटीक जानकारी दी गई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने बताया कि, “इस साल 175,000 भारतीय हज यात्रा पर गए थे. इनमें से हमने अब तक 98 नागरिकों को खो दिया है. ये मौतें प्राकृतिक कारणों से हुई हैं.” बीमारी, प्राकृतिक कारण, क्रोनिक बीमारी और बुढ़ापा के चलते, अराफ़ात के दिन भी छह भारतीयों की मौत हुई.
मक्का में 52 डिग्री के करीब तापमान
राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने इस सप्ताह की शुरुआत में मक्का की ग्रैंड मस्जिद में अधिकतम तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस (125 डिग्री फ़ारेनहाइट) दर्ज किया था. वहीं कहीं-कहीं पर तापमान 52 डिग्री के स्तर को भी पार कर गया. भीषण गर्मी के चलते हजयात्री जगह-जगह बेहोश होकर गिरते भी देखे गए हैं. पिछले महीने प्रकाशित एक सऊदी अध्ययन के अनुसार, क्षेत्र में तापमान हर दशक में 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है.