कभी ठेले वाले ने कूड़े से उठाया था इस लड़की को, 25 साल बाद लड़की ने इस तरह चुकाया एहसान..
घटना आसाम के जिला तिनसुखिया की है, जहाँ सोबरन नाम का व्यक्ति रोजी-रोटी के लिए अपना सब्जी का ठेला चलाता था. एक सोमवार सोबरन अपना सब्जी का ठेला लेकर घर को वापस जा रहा था तभी थोड़ी दूर चलने पर सोबरन को झाड़ियों से एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी. आवाज सुनकर सोबरन ने अपना ठेला रोक दिया उसने पास जाकर झाड़ियों में देखा तो उसके होश उड़ गये. उसने एक मासूम बच्चे को कूड़े के ढेर पर बिलख -बिलख कर रोते हुए देखा.
सोबरन ने आसपास देखा तो उसे कोई भी व्यक्ति नजर नही आया तब उसने उस बच्ची को अपनी गोद में उठा लिया. और सोबरन उस नन्हीं बच्ची को अपने साथ घर ले आया. उस समय सोबरन की शादी भी नहीं हुई थी और उसकी उम्र महज 30 वर्ष थी. तब सोबरन ने उस नन्हीं बच्ची को पालने और खुद शादी न करने का निर्णय लिया.
सोबरन ने उस लड़की का नाम ज्योति रखा और कठिन मेहनत कर उसे अपनी बेटी की तरह पाला. सोबरन ने दिन-रात मेहनत कर ज्योति को पढ़ाया और उसे कभी भी किसी चीज की कमी महसूस नहीं होने दी. सोबरन ने ज्योति को 2013 में कंप्यूटर साइंस से स्नातक कराया. ज्योति ने 2014 में आसाम लोक सेवा आयोग से पीसीएस की परीक्षा पास की और उसे आयकर विभाग में सहायक आयुक्त के पद पर पोस्टिंग दी गई.
सोबरन का कहना है, कि उसने 25 साल पहले कूड़े से एक हीरा उठाया था जो आज उसकी बुढ़ापे की लाठी बन गया है. ज्योति अपने पिता को अपने साथ रखती है और उनकी हर ख्वाहिस को पूरा करती है. सोबरन अपनी बेटी की कामयाबी को देख बहुत खुश है, क्योकि उसकी बेटी ने उसके सभी सपने पूरे कर दिए. सोबरन आज अपने आप को बहुत ही भाग्यशाली समझता है.