डीजल इंजन वाली कारों पर बड़ा दांव खेलेंगी टाटा और महिंद्रा, लॉन्च होंगे नए मॉडल्स
नई दिल्ली. देश की दो बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियां टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा डीजल इंजनों पर अपना दांव लगाने जा रहे हैं. बीएस-VI उत्सर्जन मानदंडों का दूसरा चरण लागू होने के बाद गैस पर चलने वाले ऑटोमोबाइल की कीमतें बढ़ने की उम्मीद है.
कई कंपनियों ने डीजल इंजन का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है.
स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों की बिक्री में काफी ग्रोथ देखी गई है. लोकल मार्केट में कुल पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री में एसयूवी की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2022 तक 5 वर्षों में दोगुनी से अधिक 40% हो गई. मिड-एसयूवी सेगमेंट में डीजल वेरिएंट की मात्रा में 64% और वित्तीय वर्ष 2021 में हाई-एंड एसयूवी में 94% का योगदान है.
18 फीसदी मार्केट शेयर
यह सुनिश्चित करने के लिए, वित्त वर्ष 20 में कुल ऑटोमोटिव कुल सेल में डीजल वाहनों की हिस्सेदारी 29% से गिरकर 18% हो गई है. भारत ने अप्रैल 2020 से BS-VI मानदंडों लागू किए गए थे. मुख्य कार निर्माताओं ने 42 हैचबैक, सेडान और एंट्री एसयूवी में डीजल इंजन बंद कर दिए. लेकिन बढ़ते बाजार में सकल बिक्री का अनुपात मुख्य रूप से पिछले दो सालों में स्टेबल रहा हैबायर्स आज डीजल वाहनों का चयन करते हैं क्योंकि वे ज्यादा टॉर्क और पावर प्रदान करते हैं. वास्तव में, नए लॉन्च किए गए Mahindra Thar और Mahindra XUV700 की कुल बिक्री का लगभग दो-तिहाई डीजल वेरिएंट के लिए उपलब्ध है.
स्कॉर्पियो में यह रेशियो 75% से भी ज्यादा है. टाटा मोटर्स, जो केवल डीजल इंजन विकल्प के साथ सबसे ज्यादा बिकने वाली एसयूवी हैरियर और सफारी की पेशकश करती है, ने कहा कि बीएस VI (II) स्टैंडर्ड्स के लागू होने के बाद भी कंपनी के पोर्टफोलियो में डीजल वाहनों का भी बड़ा योगदान रहेगा.