सोमवती अमावस्या : शिव पार्वती और पितरों की पूजा के लिए उत्तम तिथि, ये उपाय करने से मिलेगी पितृदोष से मुक्ति

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शास्त्रों में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है। और जब भी अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस वर्ष सोमवती अमावस्या 17 जुलाई को मनाई जाएगी। अमावस्या तिथि पितरों की पूजा और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए बहुत फलदायी बताई गई है। इसीलिए ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है। साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो सकती हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में…

देवता अर्यमा की पूजा करें

अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष है तो सोमवती अमावस्या के दिन पितृ लोक के देवता अर्यमा की पूजा करें। साथ ही ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्र दान करें। ऐसा करने से आप पितृदोष से छुटकारा पा सकते हैं। साथ ही वंश की वृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

इनके लिए खाना निकाले

सोमवती अमावस्या के दिन पंचबलि करें, जिसमें भोजन का एक हिस्सा कुत्ते, गाय, कौवे आदि को दिया जाता है। मान्यता है कि इनसे भोजन ग्रहण करने से पितरों को भोजन मिलता है और पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।

पीपल के पेड़ की पूजा करें

अगर आप पितृ दोष से परेशान हैं तो स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करें। साथ ही पेड़ की जड़ पर दूध और पानी डालें। पवित्र धागे को उसी पेड़ पर सात बार बांधें। इसके बाद पेड़ की 11 बार परिक्रमा करें। साथ ही ओम नमो भगवत वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से आप पितृ दोष से छुटकारा पा सकते हैं।

रुद्राभिषेक करें

भगवान शिव सभी ग्रहों के स्वामी हैं। इसलिए सोमवती अमावस्या के दिन भोलेनाथ की पूजा करें। साथ ही भगवान शिव को बिल अर्पित करें। साथ ही दूध और दही से शिवलिंग का अभिषेक करें। पितृदोष दूर करने के लिए भोलेनाथ से प्रार्थना करें।

पितृ सूक्त का पाठ करें

अमावस्या तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है। इसलिए सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करें। साथ ही सूर्य देव को जल भी अर्पित करें। इसके बाद पितरों को याद करें और कुश का पवित्र धागा हाथ में लेकर उन्हें जल अर्पित करें। संभव हो तो पितृ सूक्त का पाठ करें। ऐसा करने से पितृगण प्रसन्न होते हैं और वरदान देते हैं। जिससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

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