हिमाचल के डीजीपी को हटाने पर SC ने लगाई रोक, कहा- संजय कुंडू को दिया जाए अपना पक्ष रखने का मौका

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सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय कुंडू को हटाने के आदेश पर रोक लगा दी है। SC ने हाई कोर्ट से कहा कि संजय कुंडू को भी कोर्ट में अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाए. इस मामले की सुनवाई कल हिमाचल हाईकोर्ट में होनी है. 3 दिन पहले संजय कुंडू ने हिमाचल हाईकोर्ट के आदेश को SC में चुनौती दी थी.

निशांत को धमकी देने के मामले में हाई कोर्ट ने 26 दिसंबर 2023 को डीजीपी संजय कुंडू और कांगड़ा एसपी शालिनी अग्निहोत्री को हटाने का आदेश दिया था। सरकार ने एक दिन पहले यानी मंगलवार को संजय कुंडू को पद से हटाने के आदेश जारी किए थे. वहीं कांगड़ा के एसपी को अभी तक कोई आदेश नहीं मिला है. मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ की पीठ ने हिमाचल सचिव (गृह) को मामले की निष्पक्ष जांच के लिए दोनों अधिकारियों को उनके पदों से हटाने का निर्देश दिया।

मूल रूप से कांगड़ा के रहने वाले कारोबारी निशांत शर्मा ने 28 अक्टूबर को कांगड़ा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी और डीजीपी संजय कुंडू पर कुछ लोगों को धमकाने के अलावा गंभीर आरोप लगाए थे, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की थी। इस बीच, निशांत शर्मा द्वारा भेजे गए ईमेल पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है. फिर 21 दिन बाद कांगड़ा पुलिस ने निशांत शर्मा की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मैक्लोडगंज थाने में 2 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.

चूंकि यह हाई प्रोफाइल मामला है, इसलिए हाई कोर्ट खुद इस मामले की निगरानी कर रहा है. 20 दिसंबर को इस मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने बेहद सख्त टिप्पणी करते हुए सरकार से पूछा था कि क्या वह इस मामले में कोई कार्रवाई करेगी या कोर्ट खुद ही आदेश जारी करे. हिमाचल हाईकोर्ट ने दोनों अधिकारियों को हटाने के संबंध में अपने अंतरिम आदेश में कहा कि डीजीपी संजय कुंडू ने निशांत शर्मा को बार-बार फोन किया.

डीजीपी ने निशांत की निगरानी के लिए कुछ पुलिस कर्मियों को भी तैनात किया है। कांगड़ा एसपी शालिनी अग्निहोत्री के बारे में कोर्ट ने कहा कि कांगड़ा पुलिस ने निशांत शर्मा की शिकायत की प्रभावी जांच नहीं की. कोर्ट ने कहा कि न सिर्फ न्याय होना चाहिए बल्कि यह दिखना भी चाहिए कि न्याय हुआ है ताकि समाज में स्पष्ट संदेश जाए. इसे देखते हुए हाई कोर्ट ने दोनों आईपीएस अधिकारियों को उनके वर्तमान पद से हटाने का आदेश दिया है.

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