अब गैस सिलेंडर पर होगा QR कोड, स्कैन करने से मिलेगी ये सारी जानकारी, खत्म हुई ठगी की चाल

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क्या आपको भी लगता है कि आपको जो घरेलू गैस सिलेंडर मिलता है उसमें गैस की कमी होती है? अगर हां तो अब आपकी टेंशन खत्म होने वाली है। क्योंकि अब एलपीजी गैस सिलेंडर पर एक क्यूआर कोड होगा. इसमें सिलिंडर के वजन और एक्सपायरी समेत पूरी हिस्ट्री होगी। यह सब 3 महीने में शुरू हो जाएगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, घरेलू एलपीजी सिलेंडर पर धोखाधड़ी रोकने के लिए क्यूआर कोड दिया जाएगा। इस क्यूआर कोड में गैस सिलेंडर से जुड़ी सभी जानकारियां होंगी।

नए और पुराने दोनों सिलेंडरों पर क्यूआर कोड होगा

इससे सिलेंडर के डायवर्जन को रोकने में मदद मिलेगी। यह क्यूआर कोड नए और पुराने दोनों सिलेंडर पर दिखेगा। पुराने गैस सिलेंडर पर क्यूआर कोड का मेटल स्टीकर लगा होगा। नए गैस सिलेंडर पर पहले से ही क्यूआर कोड होगा।

क्यूआर कोड से लेकर बॉटलिंग से लेकर वितरण तक की प्रक्रिया पारदर्शी होगी

क्यूआर कोड की मदद से घरेलू एलपीजी ग्राहक आसानी से जान सकते हैं कि उनके घर आने वाला एलपीजी सिलेंडर किस प्लांट में बोतलबंद था। इसका डिस्ट्रीब्यूटर कौन है? इंडियन ऑयल का कहना है कि यह क्यूआर कोड एक तरह से हर एलपीजी सिलेंडर का आधार कार्ड होगा। यह एलपीजी सिलेंडर बॉटलिंग से लेकर वितरण तक की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगा।

सिलेंडर की लाइफ 15 साल होती है

गौरतलब है कि घरों में इस्तेमाल होने वाले एलपीजी सिलेंडर बीआईएस 3196 मानक के आधार पर निर्मित होते हैं। इन सिलेंडरों की लाइफ 15 साल होती है। इस दौरान रसोई गैस सिलेंडर की दो बार जांच की जाती है। पहली टेस्टिंग सिलेंडर के 5 साल पूरे होने पर और दूसरी 10 साल पूरे होने पर की जाती है. इस समय देश भर में लगभग 30 करोड़ घरेलू एलपीजी उपभोक्ता हैं। जिसमें से सिर्फ आईओसीएल के पास ही करीब 15 करोड़ उपभोक्ता हैं। 30 करोड़ उपभोक्ताओं में से करीब 50 फीसदी के पास दो सिलेंडर हैं.

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