भगवान के चित्र सभी हिंदु परिवारों में घरो में पूजा की जगह होती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर-परिवार में खुशहाली पाने के लिए किस हिस्से में मंदिर होना चाहिए कई घरों में देखा जाता है कि लोग दो जगह पूजा का स्थान बना लेते हैं अलग-अलग स्थानों पर भी देवी-देवताओं के चित्र लगाना सही नहीं माना जाता।
मंदिर के आसपास शौचालय नहीं होना चाहिए साथ ही मंदिर को रसोईघर में बनाना भी
वास्तु के हिसाब से उचित नहीं माना जाता वास्तु के हिसाब से घर में पूजा का स्थान पूर्व,
उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में शुभ माना जाता है दक्षिण या पश्चिम की दिशा में
पूजा का स्थान अशुभ फलों का कारण बन सकता है।
वास्तुशास्त्र में कहा गया है कि पूजा के समय व्यक्ति का चेहरा पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए
यदि बैठकर पूजा करनी हो तो पूजा घर को फर्श से ऊंचा रखें
साथ ही जमीन पर खड़े या बैठकर पूजा न करें हमेशा पूजा करने से पहले
आसन बिछाएं।घर में जहां पर मंदिर बना हो ध्यान रखें कि उस ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए। सीढ़ियों के नीचे या फिर तहखाने में भूलकर भी मंदिर न बनवाएं ऐसा करने से पूजा-अर्चना का फल नहीं मिलता।