वायनाड त्रासदी के तीन दिन बाद चमत्कार; जहां हुई सबसे ज्यादा तबाही, परिवार के 4 लोग जिंदा निकले
केरल के वायनाड जिले में हुए भूस्खलन के जख्म तीन दिन बाद भी हरे हैं। त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 308 हो गई है, वहीं 200 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। एक दिन पहले केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने कहा था कि मलबे में दबे लोगों की तलाश जारी है लेकिन, अब किसी के भी जिंदा बचने की उम्मीद नहीं बची है।
इस बीच शुक्रवार को बचावकर्मियों के सामने चमत्कार तब हुआ जब एक परिवार के चार लोगों को सुरक्षित निकाला गया। यह वायनाड का मुंडक्कई इलाका है, जहां बीते मंगलवार को भूस्खलन ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई थी।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया कि केरल के वायनाड जिले के मुंडक्कई क्षेत्र में विनाशकारी भूस्खलन के तीन दिन बाद बचावकर्मियों ने शुक्रवार को पदवेट्टी कुन्नू के पास एक इलाके में चार लोगों के एक परिवार को सुरक्षित बाहर निकाला। मंगलवार को भीषण भूस्खलन की चपेट में आए वायनाड के मुंडक्कई क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तलाशी और बचाव अभियान जारी है। बचावकर्मियों ने शुक्रवार को पाया कि दो पुरुषों और दो महिलाओं वाला यह परिवार भूस्खलन के कारण शेष क्षेत्र से कट जाने के कारण अलग-थलग पड़ गया था।
कैसे मिली सूचना
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा पीआरओ ने कहा कि परिवार को हवाई मार्ग से निकाला गया। सूत्रों ने बताया कि रिश्तेदारों द्वारा फंसे हुए परिवार के बारे में सूचना दिए जाने के बाद बचावकर्मी वहां पहुंचे थे। केरल स्वास्थ्य विभाग की वीना जॉर्ज ने बताया कि वायनाड जिले में भूस्खलन से 308 की मौत हो गई है और यह आकंड़ा अभी और बढ़ सकता है। करीब 200 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। जिनकी लगातार तलाश की जा रही है।
सीएम विजयन बोले- किसी के भी जिंदा बचने की उम्मीद नहीं
केरल के वायनाड में भूस्खलन के तीन दिन बाद भी रेस्क्यू अभियान जारी है। इस बीच गुरुवार शाम को सीएम पिनाराई विजयन ने कहा था कि अब किसी के भी जिंदा बचने की उम्मीद नहीं है लेकिन, बचाव अभियान जारी है। हम आखिरी व्यक्ति के मिल जाने तक अपना काम जारी रखेंगे। सीएम विजयन के इस बयान के बाद आशंका बढ़ गई है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि अधिकारियों ने बताया है कि मलबे में शवों के अंग एकत्र किए गए हैं और अवशेषों की पहचान की जा रही है।