मानहानि से बचने के लिए मेटा देगी 60 हजार करोड़, ये है मामला

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फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने कैंब्रिज एनालिटिका केस को सेटल करने के लिए 6000 हजार करोड़ रुपए के सेटलमेंट का ऑफर दिया है। दरअसल, मेटा द्वारा वर्ष 2018 में किए गए खुलासे के बाद, यह लगभग 4 वर्षों से चल रहे एक क्लास एक्शन मुकदमे को निपटाने के लिए 725 मिलियन डॉलर का भुगतान करने पर सहमत हो गया है, जो कि भारतीय मुद्रा के अनुसार 6000 करोड़ है। कैंब्रिज एनालिटिका मामले में आरोपों के बाद कंपनी ने यह बड़ा फैसला लिया है और अब कंपनी इतनी बड़ी रकम चुकाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

कैम्ब्रिज एनालिटिका स्कैंडल क्या है?

दरअसल फेसबुक ने करीब 8.7 करोड़ यूजर्स का पर्सनल डेटा एडवाइजरी फर्म कैंब्रिज एनालिटिका के साथ शेयर किया है। जिन यूजर्स का पर्सनल डेटा कंपनी के साथ शेयर किया गया था, उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी और कंपनी ने उनकी जानकारी के बिना ही इतना बड़ा कदम उठा लिया। इस स्कैम के बाद फेसबुक पर उंगली उठाने का दौर शुरू हो गया। दरअसल, इस स्कैंडल का असली मकसद कैंब्रिज एनालिटिका का डोनाल्ड ट्रंप के 2016 के राष्ट्रपति अभियान में शामिल होना बताया जा रहा है। इस कैंपेन के लिए यूजर्स के पर्सनल डेटा का इस्तेमाल किया जाना था।

डोनाल्ड ट्रंप की जीत में बड़ी भूमिका

कहा जाता है कि कैंब्रिज एनालिटिका स्कैंडल ने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प को जीतने में मदद करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी। यह मामला साल 2018 में सामने आया था। इतना ही नहीं, कैंब्रिज एनालिटिका पर ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के लिए वोट में हेरफेर करने का भी आरोप है। इस विशाल कैंब्रिज एनालिटिका और फेसबुक स्कैंडल का खुलासा क्रिस्टोफर विली के भाग्य में हुआ था, जो कैम्ब्रिज एनालिटिका के एक कर्मचारी थे। हालांकि, इस समझौते का मतलब यह नहीं है कि मेटा ने अपनी गलती मान ली है। हालांकि, इस कदम से मामले को शांत करने की बात कही जा रही है।

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