जानिए योग करने के फायदे
भगवान श्री कृष्ण ने श्रीमद्भागवत गीता योग को परिभाषित करते हुए कहा है, “योग: कर्मसु कौशलम्’’ अर्थात् कर्मों की कुशलता का नाम योग है हमारे जीवन में योग का बहुत महत्व है योग का जन्म भारत में हुआ था और आज योग विदेशों तक पहुंच गया है योग से मिलने वाले लाभों के चलते दिन प्रतिदिन योग का महत्त्व बढ़ता जा रहा है पहले जहां केवल आयुर्वेदिक रूप से योग को महत्त्व दिया जाता था वही आज योग एक वैज्ञानिक रूप से भी उभरकर सामने आया है यही वजह है कि डॉक्टर्स भी अपने मरीज़ो को योग के लिए प्रोत्साहित करते हैं योग के महत्त्व को समझना बेहद जरूरी है यह न सर्फ आंतरिक बल्कि बाहरी शक्ति भी प्रदान करता है योग नकारात्मक विचारों से छुटकारा दिलाकर सकारात्मक विचार पैदा करने करने में मदद करता है
यह तनाव और चिंता को खत्म करने के लिए एक रामबाण इलाज है कहना गलत नहीं होगा कि आज के समय में योग जीवन जीने का एक तरीका बन चुका है अंग्रेजी में एक कहावत है, हेल्थ इज़ वेल्थ (health is wealth) यानी स्वास्थ्य ही धन है अगर स्वास्थ्य अच्छा हो तो धन कभी भी कमाया जा सकता है मगर आज के ज़माने में हम अपने स्वास्थ्य को दरकिनार कर सिर्फ पैसा कमाने की होड़ में लगे रहते हैं स्वास्थ्य और मन अच्छा हो तो ज़िंदगी आसान हो जाती है ज़िंदगी को बेहतर ढंग से जीने के लिए ज़रूरी है कि हम मानसिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ रहें इसके लिए सबसे ज़रूरी चीज़ है ‘योग’ (Yoga) वो कहते हैं न ‘योगा से ही होगा’, यह बात शत- प्रतिशत सच है योग के लाभ (yoga ke fayde) अनेक हैं योग में हर बीमारी से बचने का इलाज छुपा है,
फिर चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक इतना ही नहीं, बेहतर स्वास्थ्य के लिए योग से अच्छा ऑप्शन और कुछ नहीं है इस ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ पर जानिए, योग के फायदे, योग का महत्व, योग के मानसिक लाभ, योगासन के स्वास्थ्य लाभ और भी बहुत कुछ यानी योग के बारे में वह सब कुछ, जो आपका जानना बेहद ज़रूरी है योग क्या है योग के लाभ और उसके नियम जानने से पहले यह जान लेते हैं कि योग आखिर होता क्या है योग, इस शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द ‘युज’ से हुई है, जिसका मतलब है ‘जुड़ना’ कुछ लोगों को लगता है कि शरीर को मोड़ने, खींचने, आड़ा- तिरछा करने और सांस को अंदर- बाहर करने से ही योग हो जाता है मगर ऐसा बिलकुल भी नहीं है योग की दुनिया और इसका स्तर इससे कहीं वृहद है
योग से शरीर, मस्तिष्क और आत्मा का एक साथ मिलन होता है कई बड़े योगियों, गुरुओं और ज्ञानियों ने योग को अपने- अपने तरीके से परिभाषित किया ! credit: third party image reference”योग सिर्फ व्यायाम और आसन नहीं है यह भावनात्मक एकीकरण और रहस्यवादी तत्व का स्पर्श लिए हुए एक आध्यात्मिक ऊंचाई है, जो आपको सभी कल्पनाओं से परे की एक झलक देता है “योग को धर्म, आस्था और अंधविश्वास के दायरे में बांधना गलत है योग विज्ञान है, जो जीवन जीने की कला है साथ ही यह पूर्ण चिकित्सा पद्धति है जहां धर्म हमें खूंटे से बांधता है, वहीं योग सभी तरह के बंधनों से मुक्ति का मार्ग है “मन को भटकने न देना और एक जगह स्थिर रखना ही योग है।