इन बातों का रखेंगे ध्यान तो भूस्खलन से बचेंगे, बस रहें सावधान
हर बार की तरह इस बार भी मानसून ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. देश के कई हिस्से बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे हैं। ऐसे में हिमाचल में एक और भूस्खलन की घटना से लोग दहशत में हैं. सोशल मीडिया पर भूस्खलन का एक खतरनाक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि कैसे पहाड़ दरकने से घाटी में घर ढह गए. आपको बता दें कि आपदा कभी भी और कहीं भी आ सकती है, जिसे रोकना हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन आपदा के समय की गई उचित कार्रवाई आपकी जान जरूर बचा सकती है। जानिए ऐसी स्थितियों में भूस्खलन या भूस्खलन जैसी घटनाओं से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें।
आपदा से बचने के लिए क्या करें?
-नालियों को साफ़ रखें, तूफानी पानी को खड़ी चट्टानी सतहों से दूर रखें,
- नालियों में कचरा, पत्तियां, प्लास्टिक बैग, मलबा आदि की जांच करें।
रिसाव छिद्र खुले रखें -
पानी को बर्बाद न होने दें और न ही इसे अपने घर के ऊपर इकट्ठा करें।
-जड़ों से मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाएं।
– गिरती चट्टानों और झुकी/झुकी इमारतों, भूस्खलन का संकेत देने वाली दरारों की पहचान करें और सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।
– यदि नदी का पानी मटमैला/मैला है तो यह ऊपर की ओर भूस्खलन का भी संकेत देता है।
ऐसे संकेतों को देखें और निकटतम जिला मुख्यालय से संपर्क करें।
– सुनिश्चित करें कि ढलान वाले क्षेत्र का निचला हिस्सा टूटा-फूटा न हो, सुरक्षित हो, जब तक वनस्पति उगाने की योजना न हो, पेड़ों को न उखाड़ें।