कैसे तैयार हुई ‘एनिमल’ की मशीन गन? 500 किलोग्राम स्टील बनाने में 100 लोग लगे हुए हैं

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बॉलीवुड के मशहूर एक्टर रणबीर कपूर इन दिनों अपनी फिल्म ‘एनिमल’ की सफलता का जश्न मना रहे हैं। उनकी यह फिल्म रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर हिट रही और 1 दिसंबर 2023 को सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सारे रिकॉर्ड तोड़ने के लिए तैयार है।

आपको बता दें कि 100 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह फिल्म अब तक दुनिया भर में कुल 835.87 करोड़ रुपये कमाने में सफल रही है। वहीं. इस फिल्म का एक सीन लोगों को खूब पसंद आ रहा है, जिसमें रणबीर ‘मशीन गन’ चलाते नजर आ रहे हैं. जी हां, यह मशीन गन लोगों के बीच खूब चर्चा बटोर रही है।

आपको बता दें कि 100 करोड़ रुपये में बनी यह फिल्म अब तक दुनिया भर में कुल 835.87 करोड़ रुपये कमाने में सफल रही है। वहीं. इस फिल्म का एक सीन लोगों को खूब पसंद आ रहा है, जिसमें रणबीर ‘मशीन गन’ चलाते नजर आ रहे हैं. जी हां, यह मशीन गन लोगों के बीच खूब चर्चा बटोर रही है।

आज हम आपको इस मशीन गन के बारे में कुछ ऐसा बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आप चौंक जाएंगे। अब तक आप सोच रहे होंगे कि ये असली मशीन गन नहीं है, ये सब वीएफएक्स का कमाल है, लेकिन हम आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल नहीं है, बल्कि ये मशीन गन असल में बनी है.

इंडिया टुडे वेबसाइट से एक्सक्लूसिव बातचीत में प्रोडक्शन डिजाइनर सुरेश सेल्वाराजन ने बताया कि असल में मशीन गन बनाई गई थी, जिसे बनाने में 5 महीने लगे थे और इसे बनाने में 100 लोगों के साथ-साथ 500 किलो स्टील का इस्तेमाल हुआ था।

सुरेश कहते हैं, ‘इसे बनाते समय हमने कभी नहीं सोचा था कि यह सफल होगी या नहीं। मैंने फिल्म के निर्देशक संदीप के दृष्टिकोण के अनुसार कुछ बनाया, लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह वायरल हो जाएगा। जब मैं उनसे पहली बार मिला तो उन्होंने मुझे फिल्म के बारे में थोड़ा बताया। उसने मुझसे कहा कि उसे एक मशीन गन की ज़रूरत है, जो सामान्य से बड़ी हो। मैंने सोचा, ठीक है, मैं इसे मूल से थोड़ा बड़ा बना सकता हूँ।

उन्होंने आगे कहा, ‘हालांकि, पूरी कहानी पढ़ने के बाद मैंने उनसे कहा कि इसमें हमें कम से कम चार से पांच महीने लगेंगे। आप स्क्रीन पर जो बंदूक देखते हैं, उसे बनाने में मुझे लगभग पांच महीने लगे। हमने कॉन्सेप्ट डिजाइनिंग से शुरुआत की और फिर चरण दर चरण आगे बढ़े।

सुरेश ने कहा, ‘हमने कुछ ऐसा बनाने की कोशिश की जो कहीं उपलब्ध नहीं था, इसलिए कोई संदर्भ नहीं था। इसे बनाने में 100 से अधिक लोग लगे और इसका वजन 500 किलोग्राम है, यानी 500 किलोग्राम स्टील और इसे बनाने में पांच महीने लगे

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