कैसे आप बढ़ती उम्र के साथ ख्याल रखें अपनी हड्डियों का? जानिए अभी 

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समय के साथ-साथ हमारे शरीर में कहीं सारे बदलाव आते हैं साथ ही हमारी हड्डियों में भी पोषक तत्वों की मात्रा भी कम पड़ने से असर दिखाई देता है,तो किस प्रकार ख्याल रखें कौन से पोषक तत्वों और दिनचर्या को अपनाया जाए जो उम्र के बढ़ते समय भी कदमों में मंजिल तक पहुंचते रहने का जोश बना रहे।शरीर के हर अंगों में कुछ विशेष पोषक तत्वों की एक आवश्यक मात्रा की जरूरत होती है,चलिए जानते हैं.

हमारे हड्डियों को कुछ विशेष पोषक तत्वों की जरुरत पड़ती है जैसे –

पोटेसियम, विटामिन k, मैग्नेशियम और कैल्सियम जो हमारे हड्डियों के स्वास्थय के लिए जरुरी होने के साथ-साथ मजबूती प्रदान करती है। और ये पोषक तत्व सब्जिओं,फलों,फलिओं [जैसे -दाल ,मटर इत्यादि ]दूध या दूध से बने पदार्थ[दही, घी इत्यादि ] ,मछली,अंडे इत्यादि। और प्राकृतिक तौर पर सूर्य की किरणे विटामिन k की कमी को दूर करने में कारगर है जिसके लिए कोई खर्चा नहीं देना पड़ता।विशेषज्ञ के अनुसार अगर २०% हमारे शरीर का भाग सूर्य के संपर्क में पड़ता है तो प्राकृतिक रूप से शरीर को विटामिन k अवशोषित करने में मदत मिलती है.

हड्डियों को मजबूत और स्वास्थय बनाये रखने के लिए इन तरीकों को अपनाएं –

सुबह जॉगिंग करना, हल्की कसरत करना ,लम्बी दुरी चलना ,सीढ़ी चढ़ना जैसी प्रिक्रिया अपनाएं। इससे मासपेशियों और हड्डियों को मजबूती मिलेगी साथ ही खून की अच्छी मात्रा पहुंचेगी हर मांसपेशिओं और हड्डियों तक।
सुबह धुप कुछ समय के लिए जरूर ले जो प्राकृतिक रूप से विटामिन k को अवशोषित करने में मद्द्त करेगा।
हमे रोज काफी की आदत है जो हमारे पोषक तत्वों में कैल्सियम को अवशोषित करने में बाधा है। हमे रोज ४०० ग्राम से अधिक कैपिन नहीं लेना चाहीए। २-३ कप से ज्यादा नहीं ,साथ ही गर्वभती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली को रोज ३०० ग्राम से ज्यादा नहीं लेना चाहिए।
रोज इस्तेमाल की जाने वाली नमक़ की [सोडियम युक्त ] अधिक मात्रा भी हमारे हड्डियों के स्वास्थय के लिए ख़तरनाक है साथ ही यह ब्लोटिंग ,प्यास और रक्तचाप को बढ़ती है।
धुम्रपान भी हड्डियों के स्वास्थय के लिए हानिकारक है यह ऑस्टिओपोरोसिस [हड्डियों सम्बंधित बीमारी ] का कारण बनती है। एक व्यस्क व्यक्ति को २ से ज्यादा बार एक दिन में मादक पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए और महिलाओं को एक बार से ज्यादा।
नोट :खेल से सम्बन्धित लोगों में जो समस्या हड्डियों से होती है। वह हड्डियों के जोड़ों में ज्यादा होती है उसका कारण हड्डियों के जोड़ों के बिच ,मुड़ने और खुलने की प्रक्रिया में जोड़ों में ग्रसन को रोकने वाली पदार्थ की कमी के कारण होता है.यह समस्या खिलाड़िओं और एथलेटिकों में ज्याद देखने को मिलती है।

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