इस्तेमाल के बाद कितने गंदे हो जाते हैं तौलिये, जानिए वरना शरीर बन जाएगा बीमारियों का घर
रोज नहाने के बाद आप जिस चीज का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, वह है तौलिया। आपने विशेषज्ञों की सलाह तो सुनी ही होगी कि तौलिए और नैपकिन को नियमित रूप से बदलते रहना चाहिए, क्योंकि ये बीमारियों का कारण बन सकते हैं। आपने अंदाजा भी नहीं लगाया होगा कि आप रोजाना इस्तेमाल करने वाले तौलिये कितने गंदे हो जाते हैं। इस मामले में एक रिसर्च में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। जिस पर यकीन करना मुश्किल है।
तौलिए के गंदे होने की वजह कोई और नहीं बल्कि हम खुद हैं। तो आइए जानें कि शोध में क्या खुलासा हुआ है। यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के माइक्रोबायोलॉजिस्ट – डॉ. चार्ल्स गेर्बा की एक स्टडी के मुताबिक, 14 फीसदी बाथरूम टॉवल में ई-कोलाई बैक्टीरिया होता है। ये बैक्टीरिया मानव पाचन तंत्र में पाए जाते हैं और मल के माध्यम से फैलते हैं।
बैक्टीरिया पनपने लगते हैं
अगर कई दिनों तक टॉवल को नहीं धोया जाए तो बैक्टीरिया तेजी से पनप सकते हैं। नमी के कारण तौलिये पर बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। गेरबा की सलाह है कि अगर तौलिए को 4 से 5 बार इस्तेमाल किया गया है तो उन्हें सक्रिय ऑक्सीजन से धोना चाहिए।
क्या नुकसान हुआ है
बात यहीं खत्म नहीं होती। आपको शायद अंदाजा नहीं होगा कि एक गंदा तौलिया आपको कितना नुकसान पहुंचा सकता है। लेख वेल एंड गुड में, डॉ. जोशुआ ज़ेस्नर लिखते हैं कि तेल, गंदगी, मेकअप और मृत त्वचा चेहरे के नैपकिन या तौलिये पर जमा हो जाती है। इससे बैक्टीरिया का विकास होता है और बाद में मुंहासे जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं हो जाती हैं। इसके अलावा खुरदरे तौलिये के इस्तेमाल से रूखी त्वचा, खुजली, पपड़ी बनने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
तौलिया न हो तो क्या करें?
अगर टॉवल गंदे हैं और फेस नैपकिन उपलब्ध नहीं है तो आप कॉटन के दुपट्टे या फेस वाइप्स का इस्तेमाल कर सकती हैं। लेकिन इसे सावधानी से इस्तेमाल करें क्योंकि यह हर किसी के चेहरे पर सूट नहीं करता। यदि आपकी संवेदनशील या मुहांसे वाली त्वचा है तो इसका उपयोग न करें।