एसिडिटी यानी गैस से सताए लोगों के लिए रामबाण देसी इलाज
एसिडिटी को सामान्य समस्या समझ कर नजर अंदाज नही करना चाहिए क्योकि एसिडिटी के कारण अल्सर व गैस्ट्राईटिस अामाशय की आंतरिक परत मे सूजन ) आदि रोगो का जन्म भी हो सकता है। गैस्ट्राईटिस के होने के प्रमुख कारणो मे शराब,सिगरेट, तम्बाकू आधिक मसालेदार व ताले हए भोजन तथा कुछ दवाएं जैसे एस्प्रिन, आइबुप्रोफेन, इन्डीमेथामिन आदि दर्द निवारक औषधियां हो सकती है। चिता व तनाव भी एसिडिटी का कारण हो सकता है।
यदि किसी व्यक्ति को अक्सर एसिडिटी का कारण हो सकती है। उसके कारण को जानने की कोशिश करनी चाहिए। यदि आप किसी ऐसे पदार्थ या दवा का सेवन कते हैं। जो एसिडिटी का करण हो सकते हैं तो तुरंत उन्हें त्याग देना चाहिए। यदि इनका सेवन चिकित्सक की सलाह से कर रहे हैं लेकिन उससे एसिडिटी होती है तो तुरतं इस बारे मे चिकित्सक को अवगत कराएं। आमतौर पर लोग झस समस्या को पेट में गैस बनना भी कहते है तथा इससे धुटकारा पाने के लिए सोड़ा या शीतल पेय का सहारा लेते हैं। इनसे रोगी को क्षाणिक आराम तो मिल सकता हैं क्योकि ये आमाशय मे मौजुद अम्ल को सामान्य कर देर कर देते हैं, किन्तु इसका बनना क्या नहीं कर सकते। फिर इसके सेवन के कुछ देर बाद ही इनमें मौजूद कुछ हानिकारक तत्वों से आमाशय मे अम्ल की उत्पति बढ़ सकती है। एसिडिटी व अपचन के लिए कुछ घरेलू औषधीयां भी कारगर साबित हो सकती हैं जैसे
- सौंफ व अदरक या जीरे के साथ सेवन करने से पेट की जलन व हाजमे मे लाभ होता है।
- अजवायन के बीजों से वाष्पन विधि द्वारा निकाले गये तेल की 2-3 बूंदें लेने से गैस, खट्टीडकार एवं पेट दर्द मे आराम मिलता है।
- रोजमरी या गोदाना का अर्क निकाल का 3O ग्राम की मात्रा में दिन मे 3-4 बार सेवन करने से पेट में जलन, उबकाइयां व दर्द मे राहत मिलती है।
- बबूना अथवा बबूनी के फूल का पाउडर एक से दो ग्राम या इसके फूलों के तेल की 2-3 बूंदें सीने में जलन, पेट दर्द एवं तनाव से उत्पन्न एसिडिटी में विशेष लाभदायक होती हैं।
- हरड़ या हरित का जूस, आंवले के रस के साथ भोजन के पश्चात सेवन करने से एसिडिटी व सीने की जलन मे लाभ होता है।
- भीजन के पश्चात सौंफ के सेवन से सांस की बदबू, अपच व उल्टी में भी आराम मिलता है। इसके अतिरिक्त 15-20 ग्राम सौंफ को 100 ग्राम पानी में आधा घंटे उबाल का बचे पानी में आधा घंटे अबाल कर बचे पानी का सेवन करने से अपच, उबकाइयां तथा खाने के पश्चात हुए दर्द व एसिडिटी में राहत मिलती है।
- मुलेठी की सूखी जड़ों को रातभर पानी में भिगोकर उस पानी को चावल के मांड में मिलाकर सेवन करने से अल्सर में लाभ हीता है। मलेठी पाउडर के सेवन से अल्सर से हुए पेट दर्द मे राहत तथा अम्ल स्त्राव मे भी कमी होता हैं।
यदि बीमारी पुरानी है तो किसी कुशल चिकित्सक से परामर्श के पश्चात पूर्ण इलाज करवाना चाहिए।