सरकार का फरमान भारत में नहीं बिकेगा यह स्मार्टफोन, जानिए क्यों लिया गया यह फैसला

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सरकार नया प्लान बना रही है। सरकार मोबाइल और पहनने योग्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए दो सामान्य प्रकार के सामान्य बंदरगाहों की योजना बना रही है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, भारतीय मानक ब्यूरो बीआईएस ने यूएसबी टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट के लिए गुणवत्ता मानक जारी किए हैं। यह फैसला ई-कचरे को कम करने के लिए लिया जा रहा है। अर्थात्, मोबाइल, स्मार्टफोन और टैबलेट के लिए यूएसबी टाइप-सी चार्जर और पहनने योग्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए सामान्य चार्जर होंगे।

बिना यूएसबी टाइप-सी वाले स्मार्टफोन नहीं बेचे जाएंगे

उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया, ”पिछली बैठक में स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप आदि के चार्जिंग पोर्ट के तौर पर यूएसबी टाइप-सी को अपनाने पर सहमति बनी थी। बीआईएस ने टाइप सी शुल्क के लिए मानदंड निर्धारित किए हैं।

अध्ययन जारी है

उन्होंने कहा कि आईआईटी-कानपुर घड़ियों जैसे पहनने योग्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए सिंगल चार्जिंग पोर्ट का अध्ययन कर रहा है। रिपोर्ट आने के बाद इस पर भी चर्चा की जाएगी। कॉमन चार्जिंग पोर्ट के बारे में पूछे जाने पर सेक्रेटरी ने कहा, हमें यूरोपियन यूनियन यानी 2024 से जुड़ना होगा, क्योंकि मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर्स की ग्लोबल सप्लाई चेन है।’

पर्यावरण मंत्रालय ई-कचरे के संबंध में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में एकसमान चार्जिंग पोर्ट के संभावित प्रभाव का आकलन और जांच करेगा। पोर्ट चार्जिंग में एकरूपता सीओपी-26 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए LIFE लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट मिशन की दिशा में एक कदम है, जो नासमझ और बेकार खपत के बजाय दुनिया भर के लोगों द्वारा ‘सचेत और जानबूझकर उपभोग’ करने का आह्वान करता है।

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