सरकार ने कोयला और लिग्नाइट अन्वेषण योजना के लिए 2,980 करोड़ रुपये किए मंजूर

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सरकार ने 2,980 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ केंद्रीय क्षेत्र की योजना ‘कोयला और लिग्नाइट की खोज’ को जारी रखने की मंजूरी दी है। बुधवार को हुई कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) की बैठक में विस्तार को मंजूरी दी गई। विस्तार की अवधि 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 तक है, जो 15वें वित्त आयोग के कार्यकाल के अनुरूप है।

इसमें कहा गया है, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीसीईए की बैठक में 2,980 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ कोयला और लिग्नाइट अन्वेषण की केंद्रीय क्षेत्र योजना को 2021-22 से 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी गई।
प्रोत्साहन के रूप में 1,650 करोड़ (क्षेत्रीय) और रु। बयान में कहा गया है कि गैर-सीआईएल क्षेत्रों में विस्तृत ड्रिलिंग के लिए खोज पर 1,330 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें कहा गया है कि लगभग 1,300 वर्ग किमी क्षेत्र को क्षेत्रीय सर्वेक्षण के तहत और लगभग 650 वर्ग किमी को विस्तृत सर्वेक्षण के तहत कवर किया जाएगा।

देश में उपलब्ध कोयले के संसाधनों की मात्रा और अनुमान लगाने के लिए कोयले और लिग्नाइट की खोज आवश्यक है। यह कोयला खनन शुरू करने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में मदद करता है। इन अन्वेषणों से उत्पन्न भूवैज्ञानिक रिपोर्टों का उपयोग नए कोयला ब्लॉकों की नीलामी के लिए किया जाता है, और बाद में सफल आवंटियों से लागत वसूल की जाती है।

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