Electric Car, Bike and Scooter | दो साल बाद सस्ते होंगे इलेक्ट्रिक वाहन! कीमतें पेट्रोल-डीजल वाहनों के समान होंगी; केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जताया भरोसा
Electric Car, Bike and Scooter : गडकरी का कहना है कि पेट्रोल और डीजल वाहनों की तुलना में सड़क पर इलेक्ट्रिक वाहनों में निवेश काफी कम है। इसलिए आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ेगी। गडकरी को भरोसा है कि मांग बढ़ने पर इन वाहनों की कीमतों में कमी आएगी। दो साल बाद बाजार में इलेक्ट्रिक वाहन और पेट्रोल-डीजल वाहन समान कीमत पर उपलब्ध होंगे। ऐसा उनका दावा है।
ई-वाहनों पर सिर्फ 5% जीएसटी
गडकरी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर केवल 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया था, जबकि पेट्रोल और डीजल वाहनों पर 48 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहनों में बैटरी के लिए उपयोग किए जाने वाले लिथियम की उच्च लागत के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें बढ़ गई हैं। गडकरी ने कहा कि भविष्य में लिथियम के उत्पादन में वृद्धि से इसकी कीमतों में कमी आएगी और इसी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत भी घटेगी।
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देश में लिथियम बैटरी का 81% उत्पादन
उन्होंने यह भी कहा कि लिथियम बैटरी की कीमत को कम करने के लिए देश में प्रयास चल रहे हैं। देश कुल आवश्यक लिथियम बैटरी का 81% उत्पादन करता है। गडकरी ने कहा कि इन बैटरियों को सस्ता कैसे बनाया जाए, इस पर भी शोध चल रहा है। गडकरी ने यह भी कहा कि 2030 तक 30 फीसदी निजी कारें, 70 फीसदी कमर्शियल कारें और 40 फीसदी बसें इलेक्ट्रिक होंगी।
चार्जिंग प्वाइंट बढ़ाने के लिए भी लगातार प्रयास
गडकरी ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन का हब बनाना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में हीरो और बजाज द्वारा निर्मित 50 प्रतिशत दोपहिया वाहन ई-वाहन हैं। सरकार का इरादा अगले दो साल में देश में हजारों चार्जिंग प्वाइंट बनाने का है। सड़कों समेत बाजारों में 350 चार्जिंग प्वाइंट लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पेट्रोल पंप क्षेत्रों में ई-वाहन चार्जिंग प्वाइंट स्थापित करने की भी मंजूरी दी गई है।
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