क्या आपकी कुंडली में है सड़क पति से करोड़पति बनने के योग ? जानिए क्या कहती है अनिल अंबानी, हर्षद मेहता और अमिताभ बच्चन की कुंडली

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गरीब होना दर्दनाक है। इससे भी ज्यादा कष्टदायक अमीर से गरीब की ओर जा रहा है। करोड़पति से रोडी बनने का सफर। धन के ढेर से गिरने पर जो चोट लगती है, वह सबसे अधिक कष्टदायक होती है। उसके घाव जल्दी नहीं भरते। आज हम कुछ ऐसे ग्रह योगों के बारे में बात करते हैं जो एक अमीर आदमी को रातों-रात करोड़पति बना देते हैं।

1) कुंडली में नवम भाव भाग्य का होता है। यदि भाग्य स्थान का स्वामी 6 या 8 भाव में बैठा हो तो जातक करोड़पति से सड़क का स्वामी बनेगा। यह घटना छठे, आठवें या नौवें भाव के स्वामी की महादशा-अंतर्दशा में होगी।

2) कुण्डली में दूसरे स्थान को धन का स्थान कहा जाता है। जिन जातकों के धन स्थान में सूर्य बैठा हो उन्हें पैतृक धन की प्राप्ति नहीं होती है।

3) चौथा स्थान सुख का स्थान है। धन स्थान के स्वामी और सुखेश 12वें यानि वाय स्थान में बैठे हों तो धन अचानक घर से निकल जाएगा।

4) धन स्थान के स्वामी और वाय स्थान के स्वामी के बीच परिवर्तन योग हो तो धन अचानक से बह जाएगा।

5) बारहवें भाव का स्वामी किसी भी भाव में उच्च का होकर बैठा हो तो उसके पास धन नहीं होगा।

6) यदि दशम भाव का स्वामी तीसरे भाव में हो तो राजा के मुकुट पर धूल जम जाती है। जब प्रासंगिक स्थिति उत्पन्न होती है।

7) चन्द्रमा से दूसरे भाव में राहु हो तो जातक के पास जो भी धन होगा वह अचानक गायब हो जायेगा।

8) यदि बारहवें भाव में मेष राशि में सूर्य, तुला राशि में शनि या मकर राशि में मंगल हो तो ऐसा जातक आर्थिक संकट में होगा।

9) यदि 12वें भाव का स्वामी चतुर्थ भाव में बैठा हो तो सब कुछ बिक जाएगा। सड़क पर आ जाएगा।

10) यदि राहु पंचम या नवम भाव में बैठा हो तो जातक को व्यापार में भारी हानि का सामना करना पड़ता है।

उदाहरण-1/सिद्धांत नंबर 2 और 10 अनिल अंबानी की कुंडली में लागू होते हैं। उनके लिए धन स्थान का स्वामी वाय स्थान में विराजमान है। साथ ही राहु नौवें स्थान में विराजमान है। इसलिए उन्हें भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा।

उदाहरण-2/सिद्धांत-2 बीएसई का बच्चन हर्षद मेहता की कुंडली में भी लागू होता है। इनकी कुंडली में भी दूसरे स्थान का स्वामी 12 मई को विराजमान है। इससे वे कर्ज के बोझ तले दब गए।

उदाहरण-3 / अमिताभ बच्चन की कुंडली में शायद ही कभी आठवें भाव में पाप राशि में बैठे हों। और व्येश चौथे स्थान पर बैठा है। इसलिए वह एक बार बिस्तर से फर्श पर गिर गया। इनकी कुंडली में सिद्धांत नंबर एक और सिद्धांत नंबर तीन लागू होते हैं।

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