भारत में अभिशाप बनता जा रहा है मधुमेह, 10 करोड़ से ज्यादा लोग हैं शिकार

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भारत में डायबिटीज महामारी का रूप लेता जा रहा है. देश में 10 करोड़ से ज्यादा लोग इस बीमारी की चपेट में हैं. आईसीएमआर की एक स्टडी में यह जानकारी सामने आई है। यह अध्ययन मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में भारत में 7 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित थे, लेकिन अब यह आंकड़ा 10 करोड़ को पार कर गया है.

अध्ययनों से पता चला है कि लगभग 16 प्रतिशत आबादी अब प्री-डायबिटिक अवस्था में है। इनमें से ज्यादातर मामले गोवा, केरल और पुडुचेरी में हैं। लेकिन यह आंकड़ा अगले कुछ सालों में और भी कई राज्यों में बढ़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन राज्यों में डायबिटीज के मरीज कम हैं, वहां प्री-डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ रही है।

उत्तर प्रदेश में मधुमेह के रोगियों की संख्या सबसे कम है, लेकिन प्री-डायबिटिक रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आने वाले दिनों में यूपी, बिहार, अरुणाचल प्रदेश जैसे मधुमेह के कम मरीज वाले राज्यों में भी इस बीमारी के मामले बढ़ सकते हैं। इन राज्यों में प्री-डायबिटीज के मामले भी बढ़ रहे हैं। प्री-डायबिटीज वह स्टेज है जब बीमारी बाद में डायबिटीज में विकसित हो सकती है, लेकिन अगर प्री-डायबिटीज स्टेज में इस बीमारी को नियंत्रित कर लिया जाए तो डायबिटीज को रोका जा सकता है। इसके लिए डाइट का ध्यान रखना जरूरी है। इसके साथ ही ब्लड शुगर लेवल की भी नियमित जांच कराते रहना चाहिए।

1 लाख से ज्यादा लोगों पर किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि देश में मधुमेह का प्रसार पहले की तुलना में बढ़ा है। विशेषज्ञों का कहना है कि गलत खानपान की वजह से डायबिटीज की बीमारी तेजी से फैल रही है। शहरी क्षेत्रों में स्थिति और भी खराब है। अगर लोगों ने अपनी जीवनशैली में सुधार नहीं किया तो जल्द ही देश में मधुमेह एक खतरनाक बीमारी के रूप में बढ़ेगी।

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