कंडोम बनाने वाली कंपनी मैनकाइंड फार्मा ने आईपीओ लाने से पहले अर्जी में दावा किया है कि वह डाबर इंडिया जैसी कंपनी है, जानिए क्यों?

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मैनकाइंड फार्मा एक कंडोम निर्माण कंपनी है और अब एक सार्वजनिक निर्गम लाने के लिए तैयार है। मैनकाइंड ने अपने आवेदन में डाबर इंडिया का जिक्र किया है। डाबर और मैनकाइंड के बीच समानता पहली नज़र में अजीब लग सकती है, लेकिन कंपनी के उत्पाद भी बहुत अलग हैं। फिर तुलना कैसे की जा सकती है?

डाबर 100 साल पुरानी एफएमसीजी कंपनी है। जबकि मैनकाइंड एक फार्मा कंपनी है। तो दोनों की तुलना कैसे की जा सकती है? डाबर बालों की देखभाल के उत्पाद बनाती है। जबकि मैनकाइंड फार्मा मैनफोर्स कंडोम बनाती है। इन दोनों में तुलना कैसे हो सकती है?

कंपनी का 544 पेज का ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) देखें। मैनकाइंड फार्मा सूचीबद्ध उद्योग साथियों में डाबर को 11वें स्थान पर रखता है। यह प्रॉक्टर एंड गैंबल और ज़ाइडस वेलनेस से ऊपर है। लिस्ट में सन फार्मा, सिप्ला, जायडस लाइफसाइंस और टोरेंट फार्मा चौथे स्थान पर हैं।

मैनकाइंड फार्मा का रेवेन्यू कितना है?

वित्त वर्ष 2022 में मैनकाइंड फार्मा का राजस्व रु। 7781 करोड़ जबकि इसकी प्रति शेयर आय (ईपीएस) रु. 35.7 था। जबकि डाबर इंडिया का ईपीएस 9.8 रुपए रहा है। मैनकाइंड का इश्यू प्राइस बैंड अभी तय होना बाकी है, इसलिए अभी इसका वैल्यूएशन नहीं कहा जा सकता।

डाबर और मैनकाइंड फार्मा में क्या समानता है?

मैनकाइंड फार्मा ने अपने डीआरएचपी में लिखा है कि वह इस पौधे से आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं का निर्माण करेगी। मैनकाइंड फार्मा का गैस-ओ-फास्ट एक आयुर्वेदिक मुँहासे उपचार है। इसका उपयोग एसिडिटी, हार्ट बर्न और अपच को ठीक करने के लिए किया जाता है। कंपनी का एक हेल्थ ओके उत्पाद है जो एक मल्टीविटामिन है। इसके साथ ही कंपनी के पास एक स्किनकेयर क्रीम AcneStar भी है।

इसकी तुलना में डाबर इंडिया के पास पुदीन हरा, एक्टिव एंटासिड, शिलाजीत गोल्ड और गुलाबरी जैसे उत्पाद हैं। दोनों कंपनियों का शहरी और ग्रामीण बाजार का समान अनुपात है।

वित्त वर्ष 2022 में मैनकाइंड की घरेलू बिक्री ग्रामीण और शहरी इलाकों में 47 फीसदी रही। इसलिए डाबर की घरेलू बिक्री ग्रामीण बाजार में केवल 47 टका हिस्सा थी।

क्या अलग है?

प्रूडेंशियल इक्विटी के संस्थापक और मुख्य निवेश अधिकारी सिद्धार्थ ओबेरॉय का मानना ​​है कि कंपनियों की तुलना तब नहीं की जा सकती जब वे मौलिक रूप से समान न हों।

उन्होंने आगे कहा, “जहां मैनकाइंड के पास थेरेप्यूटिक्स सेगमेंट से राजस्व का एक बड़ा हिस्सा है, वहीं डाबर के पास एफएमसीजी से राजस्व का एक बड़ा हिस्सा है। इसलिए दोनों के बीच कोई तुलना नहीं है।”

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