कई साल से दुकान में टांग रखे हैं फटे कपड़े, अंदर जो मिलता है उसको जानकर हैरान रह जायगे आप
कई साल से दुकान में टांग रखे हैं फटे कपड़े: जी हां आपने दुकाने तो बहुत देखी होगी पर एक ऐसी भी दुकान है जिसमे बहार फटे कपड़े और कुछ और ही आइये जानते है…
मध्य प्रदेश में एक जिला है बालाघाट. बालाघाट में तहसील है वारासिवनी. यहां एक दुकान है मानीबाई गोलछा साड़ी & रेडीमेड के नाम से. सामने से दुकान की शकल देखकर लगता है कि कपड़ों की है. क्योंकि बाहर कपड़े ही टंगे हैं. लेकिन ये अजीब बात है कि कपड़े नहीं चिथड़े हैं. हर जगह से फटे हुए. ये दुकानदार या तो बहुत आलसी है, कि ये सामने का डिस्प्ले नहीं बदल सका. या फिर उसके दिमाग में कोई प्लान है. जिसके तहत ये दुकान ऐसी बनी हुई है.
तो सुनो. दुकानदार का नाम पीयूष गोलछा. ये दुकान मार्केट में सबसे पहले यानी 8 बजे सुबह खुल जाती है. पीयूष जैन हैं और पक्के पुजारी हैं. सुबह सवेरे नहाकर धोती लपेटकर पूजा करने जाते हैं और लौटकर दुकान खोलते हैं. ये घर में ही है. ये भी समझ लो कि दुकान 15 फरवरी 2012 को खुली है, वैलेंटाइन्स डे के एक दिन बाद. और घर 2013 में बना है. इससे वो कहावत याद आ जाती है कि दुकान से मकान बन सकता है लेकिन मकान से दुकान नहीं.
दुकान खुली कैसे?
इसका भी किस्सा है. पीयूष ने 2008 में बारहवीं पास की. स्कूल में टॉप किया. उसके बाद बी.कॉम किया, एम.कॉम किया. फिर रायपुर चले गए, CA की कोचिंग करने. इस बीच पापा की तबीयत काफी खराब हो गई. उनकी पहले से कपड़े की दुकान है. वो चाहते थे कि छोटा बेटा यानी पीयूष का छोटा भाई आयुष एक और कपड़े की दुकान खोल ले. लेकिन उसने नहीं खोली. घर में गरमा गरमी भी हुई. फिर पीयूष ने कहा- रुको हम खोलते हैं. फिर ये दुकान खुल गई.