औली में भारत-अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यास से बौखलाया चीन
उत्तराखंड के औली में भारत और अमेरिका के बीच हाल ही में हुए सैन्य अभ्यास ने ड्रैगन चीन को भड़का दिया है। इसके उकसावे को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ के रूप में देखा गया है। चीन ने संयुक्त अभ्यास का भी विरोध किया था।
नवंबर 2022 में औली अभ्यास के एक सप्ताह बाद अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा घुसपैठ की कार्रवाई की गई। उत्तराखंड के औली में भारत-अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यास से चीन इतना बौखलाया कि उसने अमेरिका को धमकी तक देने की जुर्रत कर दी। इसके बाद 30 नवंबर 2022 को चीन ने भारत से कहा कि दोनों देशों को 1993-1996 के सीमा समझौते का पालन करना चाहिए और सीमा पर शांति बनाए रखनी चाहिए।
शी जिनपिंग के शासन वाला चीन इस तरह की टिप्पणी ऐसे समय में कर रहा है जब वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की गतिविधियों को लगातार बढ़ा रहा है और पश्चिमी क्षेत्र से लेकर पूर्वी क्षेत्र तक हर जगह अभियानों में व्यस्त है। औली में नवंबर के आखिर में जिस इलाके में भारत-अमेरिका का संयुक्त सैन्य अभ्यास हुआ था, वह वास्तविक नियंत्रण रेखा से 100 किमी दूर है.
चीन वैकल्पिक शक्ति के रूप में अमेरिका को चुनौती देने के लिए सुदूर प्रशांत और मध्य पूर्व में नए गठजोड़ बनाने की कोशिश कर रहा है। उसके लिए भारत से लगी सीमाओं पर सैन्य दबाव जारी रखकर भारत को सीमा पर व्यस्त रखने की कोशिश बताया जा रहा है।
यह भी कहा जाता है कि नौ दिसंबर को जिस तरह से चीनी सेना ने तवांग सेक्टर में 300 से अधिक सैनिकों की घुसपैठ कराकर एलएसी पर यथास्थिति को बदलने की कोशिश की और जिस तरह से भारतीय सेना ने अपने सैनिकों को तैनात किया, उससे पता चलता है कि चीनी कम्युनिस्ट किस कदर पार्टी सरकार ने स्थिति का जवाब दिया देखना चाहता था कि यह क्या देता है। चीन सर्दियों के मौसम में भी तवांग में घुसपैठ की कोशिश कर अपनी सैन्य तैयारियों को सुधारना चाहता है। चीनी सेना जिस तरह अपने कब्जे वाले अक्साई चिन और ताशकुर्गन इलाकों में पूरी तरह से मुस्तैद है, उसी तरह वह अरुणाचल प्रदेश से सटे इलाके में बुनियादी ढांचे के निर्माण में जुटी है.