कोरोना के बाद अचानक बढ़े युवाओं की मौत के मामले, सरकार करा रही अध्ययन
कोरोना संक्रमण के बाद युवाओं की अचानक मौत के मामले दर्ज किए गए हैं और हम इसकी जांच कर रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को संसद में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद दिल का दौरा पड़ने से युवाओं की मौत के मामले सामने आए हैं, लेकिन कारण की पुष्टि करने के लिए अभी तक कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में आईसीएमआर द्वारा तीन अलग-अलग अध्ययन किये जा रहे हैं. इनके जरिए पता लगाया जाएगा कि हार्ट अटैक के मामले बढ़ने की वजह क्या है।
स्वास्थ्य मंत्री ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह बात कही. उन्होंने कहा कि देश के 40 अस्पताल और रिसर्च सेंटर 18 से 45 साल के लोगों की अचानक मौत के मामलों की जांच कर रहे हैं. इसके अलावा 30 कोविड-19 क्लिनिकल रजिस्ट्री अस्पतालों में भी ऐसे मामलों पर अध्ययन चल रहा है. इनमें यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि 18 से 45 साल के लोगों पर वैक्सीन का कोई असर हुआ है या नहीं. जबकि तीसरी स्टडी वर्चुअल और फिजिकल ऑटोप्सी के जरिए की जा रही है. इसमें बिना किसी बीमारी के अचानक हुई मौतों का पता लगाया जा रहा है कि उनके कारण क्या हो सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार हृदय रोगों से संबंधित समस्याओं के लिए गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की मदद करेगी। इस कार्यक्रम के तहत बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, मानव संसाधन का निर्माण, स्वास्थ्य संवर्धन, लोगों की स्क्रीनिंग, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की स्थापना जैसे प्रयास शामिल हैं। इसके अलावा 724 जिलों में गैर-संचारी रोग क्लीनिक, 210 जिलों में कार्डियक केयर यूनिट और 326 जिलों में डे केयर सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
खास बात यह है कि कोरोना काल के बाद से ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब लोगों की मौत चलते-फिरते और डांस करते वक्त हो गई. ऐसी मौतों में 18 से 40 वर्ष की उम्र के बीच के फिट लोग भी बड़ी संख्या में पाए गए हैं। कम उम्र में दिल के दौरे से होने वाली मौतों ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से लेकर आम जनता तक सभी को चौंका दिया है। कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें जिम में वर्कआउट करते वक्त मौत हो गई है। शादी के दौरान हल्दी की रस्म के दौरान एक की मौत हो गई.