यहां हुई सफेद बर्फ गिरने की जगह काली बर्फ

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यहां हुई काली बर्फबारी-तस्वीरें: रूस (Russia) में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है. यहां के एक सुदूर गांव के निवासियों ने शिकायत की है कि उन्हें प्रदूषण वाली सर्दियों का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से सफेद बर्फ गिरने की जगह काली बर्फ (Black Snowfall in Russia) गिर रही है. रूस के सुदूर पूर्व में साइबेरिया (Siberia) के मगदान क्षेत्र (Magadan region) के ओमसुक्चन (Omsukchan) में स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके बच्चे राख और काली बर्फ से ढकी गलियों और खेल के मैदानों में (Black snowfall in Siberia) खेलने को मजबूर हो गए हैं.

इस गांव में कोयले से जलने वाले गर्म पानी का प्लांट है, जो यहां के चार हजार लोगों को जरूरी गर्मी प्रदान करता है. लेकिन इसकी वजह से कालिख और धूल की वजह प्रदूषण भी बढ़ गया है. तस्वीरों में देखा जा सकता है कि ठंडे बसे इलाके में काली बर्फ बिछी हुई है. स्टालिन यहां पर राजनीतिक कैदियों को जबरन मजूदरी करने के लिए भेजा करता था. एक निवासी द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा गया कि ओमसुचन गांव में बर्फ जमी हुई है. जनवरी का महीना है और हमारे बच्चे यहां पर काली बर्फ में खेल रहे हैं. इस तरह हम यहां 21वीं सदी में रह रहे हैं. एक अन्य ने कहा, यह ओमसुक्चन गांव है और बर्फ काली है पूरी तरह से काली.

उनका कहना है कि उनके बच्चे राख और काली बर्फ से ढकी गलियों और खेल के मैदानों में (Black snowfall in Siberia) खेलने को मजबूर हो गए हैं। केवल इतना ही नहीं बल्कि इस गांव में कोयले से जलने वाले गर्म पानी का प्लांट है, जो यहां के चार हजार लोगों को जरूरी गर्मी प्रदान करता है। इसके चलते कालिख और धूल की वजह प्रदूषण भी बढ़ गया है। फिलहाल सामने आई तस्वीरों में यह साफ़-साफ़ देखा जा सकता है कि ठंडे बसे इलाके में काली बर्फ बिछी हुई है। आप सभी को बता दें कि स्टालिन यहां पर राजनीतिक कैदियों को जबरन मजूदरी करने के लिए भेजा करता था। वहीं यहाँ के एक निवासी द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा गया कि ‘ओमसुचन गांव में बर्फ जमी हुई है। जनवरी का महीना है और हमारे बच्चे यहां पर काली बर्फ में खेल रहे हैं। इस तरह हम यहां 21वीं सदी में रह रहे हैं।’ वहीं एक अन्य ने कहा, ‘यह ओमसुक्चन गांव है और बर्फ काली है पूरी तरह से काली।’ यहाँ साल 2019 में भी ऐसा हो चुका है, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है।

वहीं दूसरी तरफ यहाँ के निवासियों का कहना है कि तीन दशक पहले सोवियत यूनियन (Soviet Union) के पतन के बाद के बावजूद कुछ भी नहीं बदला है। केवल यही नहीं बल्कि यहां पर हालात अभी भी पहले जैसे ही हैं। यहाँ के एक व्यक्ति का कहना है, ‘आज भी हमारे बच्चों को काले धुएं में सांस लेना पड़ता है। ऐसा लगता है कि यहां पर कुछ बदलने वाला नहीं है।’

आप सभी को हम यह भी बता दें कि इस महीने यहां पर तापमान -50 डिग्री के नीचे तक पहुंच गया और इस वजह से यहां पर बड़े पैमाने पर कोयला जलाया गया है, जिसकी वजह से यहां पर बर्फ के ऊपर काले धुएं की परत जम गई। फिलहाल यहाँ की काली बर्फ की तस्वीरें सोशल साइट्स पर छाई हैं।

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