हरियाणा हिंसा पर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को घेरा, AAP के जावेद अहमद को हटाने की मांग की
एक हफ्ते पहले नूह और गुरुग्राम में हुई हिंसा की आंच हरियाणा के कई जिलों तक पहुंच गई और अब इस पर राजनीति भी तेज हो गई है. नूह हिंसा में आम आदमी पार्टी से जुड़े जावेद अहमद का नाम सामने आने के बाद दिल्ली बीजेपी ने आक्रामक रुख अपना लिया है और इस मामले में आप पर हमला बोलते हुए बीजेपी ने जावेद अहमद को आप से हटाने की मांग की है.
आप नेताओं का नाम पहले भी कई दंगों में सामने आ चुका है।
दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि आप नेता पहले भी दंगों में शामिल रहे हैं. 2020 के दिल्ली दंगों में AAP नेता ताहिर हुसैन ने दिल्ली के जहांगीरपुरी में 2022 के दंगों का नेतृत्व करने वाले मोहम्मद अंसार के हवाले से कहा कि दंगों के नेताओं के चेहरे अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन वे एक ही हैं। आपके साथ जुड़ा हुआ हूं. उन्होंने कहा कि आप की निशा सिंह, जिन्होंने 2016 में भी भीड़ को उकसाकर गुरुग्राम पुलिस पर हमला करवाया था, आज उस मामले में जेल में हैं. वहीं शाहीन बाग में सीएए को लेकर दंगा भड़काने में आप नेता अमानतुल्लाह खान भी शामिल हैं और अब नूह हिंसा के पीछे एक और आप नेता जावेद अख्तर का भी हाथ सामने आ रहा है.
बीजेपी ने जावेद अहमद और टाइटलर को पार्टी से निकालने की मांग की है
उन्होंने इस मामले में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि हैरानी की बात यह है कि नूह दंगे के आरोपी जावेद अहमद पर केस दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी के बाद से कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. इससे तो यही लगता है कि दोनों की मिलीभगत है और दोनों एक-दूसरे के खिलाफ कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. 1984 सिख दंगों के आरोपी जगदीश टाइटलर के खिलाफ कल कोर्ट में आरओ तय किया गया है, लेकिन अभी तक उनके बारे में कुछ नहीं कहा गया है. उनका कहना है कि दोनों पार्टियों को दंगों के आरोपी जावेद अहमद और जगदीश टाइटलर को तुरंत पार्टी से बाहर निकालना चाहिए. लेकिन इन दोनों की एक दूसरे के प्रति चुप्पी दर्शाती है कि दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं.
आपने मुझ पर झूठे मामले में फंसाने का आरोप लगाया है।’
आम आदमी पार्टी की ओर से जावेद अख्तर का बचाव करते हुए उन पर झूठे मामले में फंसाने का आरोप लगाया गया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य डाॅ. सुशील गुप्ता ने कहा कि बीजेपी मणिपुर की तर्ज पर हरियाणा को भी हिंसा की आग में धकेलना चाहती है. उनका कहना है कि घटना के वक्त जावेद अहमद पुनाना में थे. उसकी सारी रिकॉर्डिंग मुंबई हाईवे के सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई है. इसमें उनकी विदाई के वीडियो और यहां पहुंचे रिश्तेदारों के वीडियो भी शामिल हैं.
आपने कहा कि जावेद 100 किलोमीटर दूर है
उन्होंने इसे पार्टी को बदनाम करने की साजिश करार देते हुए कहा कि जिस घटना में जावेद अहमद को फंसाया गया, उससे तीन घंटे पहले एक अगस्त की सुबह करीब सात बजे जावेद अहमद सोहना से निकले और आठ बजे वापस आये. अपने घर लौट आये. जिससे साफ है कि घटना के वक्त जावेद करीब 100 किलोमीटर दूर था.
हिंसा फैलाने में सरकारी लोगों का हाथ है
वहीं, पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज पुलिस को उपलब्ध करा दी गई है और मोबाइल लोकेशन पहले से ही पुलिस के पास है. पुलिस को मामले की गहन जांच करनी चाहिए. उनका कहना है कि इस हिंसा को फैलाने में सरकार के लोगों का हाथ है. दंगे के दिन सुरक्षा के नाम पर जिले से 100 पुलिसकर्मी बुलाये गये और पुलिस अधीक्षक को छुट्टी पर भेज दिया गया.