1949 के बाद पहली बार दिल्ली के बाहर आयोजित होने वाली सेना दिवस परेड

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आज 75वां सेना दिवस मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत साल 1949 में हुई थी। आज पहली बार सेना दिवस का आयोजन दिल्ली के बाहर किया जा रहा है। परेड सेना दिवस का एक अभिन्न अंग है। हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है।लगभग 200 साल के ब्रिटिश शासन के बाद पहली बार 15 जनवरी 1949 को भारतीय सेना की बागडोर किसी भारतीय को सौंपी गई थी।

पहली बार दिल्ली के बाहर सेना दिवस का आयोजन

इस बार आर्मी डे परेड बेंगलुरु के एमईजी और सेंटर परेड ग्राउंड में हो रही है। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय परेड की सलामी लेंगे और वीरता पुरस्कार प्रदान करेंगे। इसके बाद आर्मी सर्विस कॉर्प्स (ASC) की टॉरनेडो टीम बाइक स्टंट करेगी, पैराट्रूपर्स स्काईडाइविंग करेंगे, आर्मी एविएशन कॉर्प्स की टीम डेयरडेविल जंप करेगी और अंत में हेलिकॉप्टर फ्लाईपास्ट करेगी.पीएम और रक्षा मंत्री ने सेना दिवस की बधाई दी.

पीएम नरेंद्र मोदी ने 75वें सेना दिवस पर ट्वीट कर लिखा, ‘सेना दिवस के मौके पर सेना के सभी जवानों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को मेरी शुभकामनाएं. हर भारतीय को हमारी सेना पर गर्व है और हम अपने जवानों के हमेशा आभारी रहेंगे। उन्होंने हमेशा हमारे देश को सुरक्षित रखा है और संकट के समय उनकी सेवा विशेष रूप से प्रशंसनीय है। साथ ही, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, “सेना दिवस पर सभी भारतीय सेना के जवानों और उनके परिवारों को बधाई। देश उनके अदम्य साहस, शौर्य, बलिदान और सेवा को नमन करता है। भारत को सुरक्षित रखने के भारतीय सेना के प्रयासों पर हमें गर्व है। रक्षा मंत्री सेना दिवस समारोह में भाग लेने के लिए बेंगलुरु में हैं।

 

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