मरने के बाद इतने दिनों तक घर में भटकती है मृतक की आत्मा, मृतक को श्रद्धांजलि देना जरूरी
जिस तरह जीवन एक सच्चाई है, वैसे ही मौत भी एक सच्चाई है, इस बात को सभी अच्छी तरह से जानते हैं, जिसे कितना भी झुठलाया जाए, बदला नहीं जा सकता। इसका अर्थ है कि जो भी इस धरती पर जन्म लेता है उसे एक न एक दिन अपने प्राण त्यागने ही पड़ते हैं। हम में से कई लोगों ने अपने बड़ों को कई बार यह कहते हुए सुना होगा कि मरने के बाद इंसान की आत्मा 13 दिनों तक अपने घर में रहती है।
लेकिन क्या किसी ने सोचा है कि ऐसा क्यों है? अगर नहीं तो आज हम आपको इससे जुड़ी जानकारी बताते हैं और जानते हैं कि आखिर 13 दिन तक मृत शरीर की आत्मा अपने घर में क्यों भटकती है साथ ही हम बताएंगे कि आखिर क्यों किया जाता है मृतक के नाम पर पिंडदान. 13 दिन।
बता दें कि गरुड़ पुराण में इसका विस्तार से वर्णन किया गया है। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि जब कोई व्यक्ति मरता है, तो यमराज उसे अपने साथ यमलोक ले जाते हैं। यहां उसके अच्छे और बुरे कर्मों का लेखा-जोखा दिया जाता है और फिर 24 घंटे के भीतर यमदू जीव की आत्मा को घर वापस छोड़ देता है।