शास्त्रों के अनुसार ये है सोने का सही तरीका, कई समस्याओं से बचेंगे आप

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सोने के लिए टिप्स: किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य इस बात पर निर्भर करता है कि वह किस तरह की दिनचर्या का पालन करता है। ऐसी स्थिति में सोना भी दैनिक दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां सोने का मतलब सिर्फ सोना ही नहीं है, बल्कि इसका हमारे स्वास्थ्य से भी गहरा संबंध है। ऐसे में आइए जानते हैं कि शास्त्रों के अनुसार सोने का सही तरीका क्या है।

सोने का सही समय

शास्त्रों में कहा गया है कि व्यक्ति को सूर्यास्त के तीन घंटे बाद यानि सूर्यास्त के करीब तीन घंटे बाद तक सोना चाहिए। सूर्योदय के बाद सोना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। साथ ही शाम के समय सोना बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जाता। सोते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपका सिर दीवार से तीन हाथ की दूरी पर हो।

सोने की सही दिशा क्या है?

सोते समय दिशा का ध्यान रखना चाहिए। सोते समय आप अपना सिर पूर्व दिशा में रख सकते हैं। चूँकि सूर्य इसी दिशा से उगता है इसलिए इस दिशा में सिर करके सोने से ज्ञान में वृद्धि होती है। इसके साथ ही व्यक्ति दक्षिण दिशा की ओर सिर करके भी सो सकता है। लेकिन कभी भी दक्षिण और पूर्व की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए, इससे व्यक्ति के मन में नकारात्मकता बढ़ती है।

इन बातों का भी रखें ख्याल

शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि व्यक्ति का बिस्तर किस प्रकार का होना चाहिए। विष्णु पुराण के अनुसार कभी भी टूटे, गंदे, ज्यादा ऊंचे या ज्यादा छोटे बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए। हमेशा साफ बिस्तर पर सोएं। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आप जिस बिस्तर पर सोते हैं उस पर बैठकर खाना नहीं खाना चाहिए।

बिस्तर छोड़ने का नियम

शास्त्रों के अनुसार सुबह उठते समय दाहिनी ओर बिस्तर छोड़ना चाहिए। इसके अलावा जब आप सुबह उठें तो सबसे पहले झुककर धरती को स्पर्श करें और फिर अपने पैरों को जमीन पर रखें। इस आदत को अपनाने से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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