एक वेश्या ने स्वामी विवेकानंद को कराया संन्यासी होने का एहसास कहानी पढ़े
स्वामी विवेकानंद भारतीय संस्कृति के ऐसे महान विद्वान थे जिनकी ज्ञान के प्रकाश से सम्पूर्ण जगत में भारत के ज्ञान का प्रकाश फैला था एक सन्यासी के रूप में स्वामी विवेकानंद ने ज्ञान से युक्त ग्रंथो की रचना करके युवाओं में जीने की एक नयी राह दिखाई Iइसलिए आज हम आपको स्वामी विवेकानंद की एक प्रेरक हिन्दी कहानी सुनाने जा रहे हैं I
विवेकानंद की प्रसिद्धि देश विदेशो में फैली हुई थी जिसके कारण एक बार एक विदेशी महिला उनके विचारो से प्रभावित होकर उनके पास आयी और स्वामी विवेकानंद से बोली की मै आपसे शादी करना चाहती हु ताकि आपके जैसा ही मुझे गौरवशाली पुत्र की प्राप्ति हो. जिससे हमारा पुत्र बड़ा होकर इस संसार को ज्ञान की प्राप्ति कराये और मेरा नाम रोशन करे
सरकारी नौकरियां यहाँ देख सकते हैं :-
सरकारी नौकरी करने के लिए बंपर मौका 8वीं 10वीं 12वीं पास कर सकते हैं आवेदन
1000 से भी ज्यादा रेलवे की सभी नौकरियों की सही जानकारी पाने के लिए यहाँ क्लिक करें
इस पर विवेकानंद जी बोले की क्या आप जानती है की “मै एक सन्यासी हु भला मै कैसे शादी कर सकता हु अगर आप चाहो तो हमे आप अपना पुत्र बना ले. जिससे मेरा सन्यास भी नही टूटेगा और आपको मेरे जैसा पुत्र भी मिल जाएगा”
इतना सुनते ही वः विदेशी महिला स्वामी विवेकानंद के चरणों में गिर पड़ी और बोली धन्य है आप. आप साक्षात् ईश्वर के रूप के सामान है जो किसी भी परिस्थिति में भी आप अपने धर्म के मार्ग से विचलित नही होते है