आखिर ये Y, Z और Z+ सिक्योरिटी क्या होती है? किसमें कितने कमांडो होते है ?
आपने अक्सर खबरों में तो सुना ही होगा कि उस नेता को ये सिक्योरिटी दी गयी या फिर इस नेता से ये सिक्योरिटी छीन ली गयी तो ये किस तरह की सिक्योरिटी होती है और ये लोग इसके लिए इतना क्यों तरसते है? दरअसल ये सुरक्षा व्यवस्थायें देश के सबसे बड़े वीआईपी लोगो को सुरक्षित रखने के लिए दी जाती है ताकि उनका जीवन सुरक्षा घेरे में रह सके ऐसे में फिलहाल देश भर में लगभग 450 लोग को इस तरह की सुरक्षा दी जाती है और इनमें से 15 लोग ऐसे है जिन्हें Z प्लस की सुरक्षा मिली हुई है।
अब बात सबसे पहले सबसे हाई लेवल की सुरक्षा की करते है जो Z+ है, ये सुरक्षा सिर्फ देश में 15 लोगो को मिली हुई है जिनमे पीएम मोदी भी शामिल है और इस सुरक्षा प्रणाली में सुरक्षा के लिए 36 जवान लगाये जाते है जिनमें से 10 एनएसजी और एसपीजी के कमांडो होते है।
इनके अलावा बाकी के सारे लोग पुलिस के जवान होते है जो इन कमांडोज के कमांड्स पर काम करते है। इसके बाद दूसरे नम्बर पर आती है Z श्रेणी की सुरक्षा इस श्रेणी में भी कुल 22 जवान होते है इसमें दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के जवान होते है जबकि इसके बाद आने वाली Y श्रेणी की सुरक्षा में मात्र 11 जवान होते है और इनमे से दो लोग पर्सनल सिक्यूरिटी ऑफिसर के पद पर तैनात होते है। जबकि X केटेगरी की सुरक्षा में सिर्फ दो जवान ही अलोट किये जाते है जो कि उनके बॉडीगार्ड के रूप में कार्य करते है और रक्षा प्रदान करते है।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कुछ साल पहले एक हादसा भी हुआ था जब केंद्र सरकार ने लालू प्रसाद यादव से उनकी सिक्योरिटी छीन ली थी जिसे लेकर के उनके बेटे ने पीएम मोदी के लिए अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया था क्योंकि नेताओं में सिक्योरिटी जाने का मतलब खून सूख जाने जैसा है।