गणेश मूर्ति विसर्जन के दौरान दो पक्षों में भड़की हिंसा, 52 लोगों को किया गया गिरफ्तार
कर्नाटक के मांड्या जिले के नागमंगला शहर में भगवान गणेश की प्रतिमाओं के विसर्जन को लेकर निकाले गए जुलूस के दौरान हिंसा भड़क गई. बुधवार को पथराव, हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी के बाद गुरुवार को भी इलाके में तनाव की स्थिति रही. इस हिंसक झड़प में शामिल अब तक 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यह घटना तब हुई जब बदरीकोप्पलु के भक्त अपनी गणेश मूर्तियों को विसर्जन के लिए ले जा रहे थे. पुलिस ने बताया कि जैसे ही जुलूस एक मस्जिद के सामने पहुंचा, दो समुदायों के समूहों के बीच बहस छिड़ गई. देखते ही देखते मामला पथराव तक पहुंच गया, भीड़ ने कई दुकानों और वाहनों को निशाना बनाया और माहौल तनावपूर्ण हो गया.
14 सितंबर तक इलाके में लागू की गई धारा 163
पुलिस ने बताया कि बुधवार रात की इस घटना के बाद 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और ऐहतियात के तौर पर 14 सितंबर तक कस्बे में चार से अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा दी गई है. पथराव में दो पुलिसकर्मियों समेत कुछ लोगों को मामूली चोटें आईं. उन्होंने बताया कि स्थिति पर काबू पा लिया गया है और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. पुलिस ने बताया कि बुधवार को जब बदरिकोप्पलु गांव से श्रद्धालु शोभायात्रा निकाल रहे थे तब दो समूहों के बीच बहस हो गई और कुछ उपद्रवियों ने पथराव किया जिससे स्थिति बिगड़ गई. उन्होंने बताया कि दोनों समूहों के बीच झड़प के बाद कुछ दुकानों में तोड़फोड़ की गई और वाहनों में आग लगा दी गई.
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा- हिंसा उपद्रवियों का काम
पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने और स्थिति को संभालने के लिए हल्का बल प्रयोग किया. शोभायात्रा निकालने वाले युवाओं के समूह ने थाने के निकट विरोध प्रदर्शन किया और हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि हिंसा उपद्रवियों का काम है, जिससे समाज की शांति व सौहार्द में खलल पड़ता है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और धार्मिक आधार पर विभाजन पैदा करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह किसी भी जाति या धर्म का हो. उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, ‘मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे शांति बनाए रखें और उकसावे में आए बिना संयम बरतें.’
52 लोगों को किया गया गिरफ्तार
गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि झड़पों को ‘सांप्रदायिक हिंसा’ नहीं कहा जा सकता क्योंकि यह घटना ‘क्षणिक आक्रोश’ के कारण हुईं. उन्होंने बेंगलुरू में पत्रकारों से कहा कि ‘दोनों पक्षों’ के 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और पथराव तथा वाहनों व संपत्तियों को आग लगाने जैसी घटनाओं में संलिप्तता के बारे में सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल के आधार पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा. जब उनसे कहा गया कि घटना के दौरान कथित तौर पर पेट्रोल बम फेंका गया और यह पूछा गया कि क्या घटना पूर्व नियोजित थी, तो उन्होंने कहा, ‘नहीं, नहीं, यह (घटना) क्षणिक आवेग में हुई है. पुलिस ने इसे और बढ़ने नहीं दिया और स्थिति को नियंत्रण में कर लिया है.’ पुलिस के अनुसार, प्राथमिकी में 53 लोगों के नाम दर्ज हैं.
चप्पे-चप्पे पर तैनात किए गए पुलिस के सिपाही
मांड्या के पुलिस अधीक्षक मल्लिकार्जुन बलदंडी ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘नागमंगला शहर में स्थिति अब सामान्य हो गई है. लोग अपने दैनिक कार्य कर रहे हैं. दुकानें खुली हैं. हमने कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस के अतिरिक्त बलों के साथ-साथ सादी वर्दी में अन्य पुलिस अधिकारियों को भी तैनात किया है.’ पुलिस के मुताबिक गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने, हत्या का प्रयास, सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और भारतीय न्याय संहिता की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. मांड्या जिले के प्रभारी मंत्री एन. चेलुवरायस्वामी ने कहा कि स्थिति अब शांतिपूर्ण व नियंत्रण में है