यूपी में कांग्रेस-समाजवादी पार्टी का गठबंधन, अखिलेश बोले कोई विवाद नहीं, शाम को होगा आधिकारिक ऐलान
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए ‘सीट बंटवारे’ को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच पिछले कुछ दिनों से चर्चा चल रही थी, जिसमें कोई फैसला नहीं हो सका. अब रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों पार्टियों में सहमति बन गई है और लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे. इसके साथ ही आज शाम तक सीटों के बंटवारे का भी ऐलान कर दिया जाएगा. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसकी पुष्टि की है.
तमाम उतार-चढ़ाव के बाद उत्तर प्रदेश में अखिल भारतीय गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर सहमति बन गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस उत्तर प्रदेश में 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. हालांकि, कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी से दो सीटों में बदलाव की मांग की है. आपको बता दें कि मंगलवार को समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को 17 सीटों की सूची भेजी थी और इस पर सहमति बनाने को कहा था.
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने इन 17 सीटों में से दो सीटों पर बदलाव की मांग की है. कांग्रेस ने बुलंदशहर और हाथरस की जगह सीतापुर और श्रावस्ती सीटें मांगी हैं। अब कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है और आज या गुरुवार को कभी भी गठबंधन का ऐलान हो सकता है.
इन 17 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी
भारत गठबंधन के तहत कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में 17 सीटें मिली हैं। इनमें रायबरेली के अलावा अमेठी, कानपुर सीट, फ़तेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर सीट शामिल हैं. इसके अलावा प्रयागराज, महराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया में कांग्रेस प्रत्याशी गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरेंगे. सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल एक या दो सीटों पर संशोधन का प्रस्ताव है, यानी बदलाव देखने को मिल सकता है.
80 सीटों पर अब दिख सकता है बराबरी का मुकाबला!
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं. जिस पर बीजेपी की जमकर आलोचना हो रही है. हालाँकि, इस बार विपक्ष के एकजुट होने से वोटों के बंटवारे की संभावना कम हो गई है और एनडीए और नवगठित इंडिया गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। इसीलिए कांग्रेस के साथ विवाद को आखिरकार सुलझाने के अखिलेश यादव के फैसले को मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है.
इन तीनों सीटों पर मुर्गों का सूपड़ा साफ हो गया
गौरतलब है कि एक दिन पहले खबर आई थी कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर गलतफहमी हो गई है और स्थानीय सीटों के बंटवारे को लेकर बात नहीं बन पा रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अखिलेश यादव कांग्रेस को मुरादाबाद, बलिया और बिजनौर की सीटें देने को तैयार नहीं थे. वहीं, कांग्रेस अपने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के लिए समाजवादी गढ़ मानी जाने वाली बलिया सीट पर दांव लगाना चाहती थी. गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने मुरादाबाद सीट पर जीत हासिल की थी. मुरादाबाद में मेयर चुनाव में कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही और मामूली अंतर से हार गई