NASA ने बनाई उड़ान प्रयोगशाला, प्रदूषण की तीव्रता मापने का काम सौंपा गया; 8 घंटे तक लगातार उड़ान

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  • यह फ्लाइंग लैब जमीन से 15 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भरती है।
  • इसमें बैठे वैज्ञानिक प्रदूषण के कणों पर नजर रखते हैं

अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बढ़ते वायु प्रदूषण पर शोध के लिए एक उड़ान प्रयोगशाला तैयार की है। यह लैब अलग-अलग जगहों से अलग-अलग तरह के सैंपल इकट्ठा करती है। उड़ान प्रयोगशाला के समग्र डिजाइन और सुविधा को देखते हुए, यह एक हवाई पोत प्रतीत नहीं होता है। इस लैब का एकमात्र उद्देश्य हवा में वायु प्रदूषण के नमूने तैयार करना और उनका अध्ययन करना है। हाल ही में फिलीपींस में फ्लाइंग लैब पहुंची है। यह लैब DC-8 विमान से बनाई गई है। एक उड़ान में लगातार 8 घंटे तक हवा में रह सकता है।

यह उड़ने वाली लैब जमीन से 15 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भरती है। इसमें बैठे वैज्ञानिक हवा में मौजूद प्रदूषण कणों पर नजर रखते हैं। फिलीपींस की राजधानी मनीला के पास क्लार्क अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नासा के बैरी लेफ़र ने कहा कि विभिन्न स्रोतों से प्रदूषण के प्रकार का अनुमान लगाया जाता है। इस डेटा से वायु गुणवत्ता मॉडल भी बनाए जाते हैं। वर्तमान में हवा की गुणवत्ता की जांच के लिए नमूने का बाद में उपग्रहों पर विश्लेषण किया जाता है।

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि फ्लाइंग लैब में जमा किए गए नमूनों के डेटा का विश्लेषण करना बहुत महत्वपूर्ण है। लैब में दर्जनों संवेदनशील उपकरण लगे हैं, जिन्हें लेकर फ्लाइंग लैब ने मनीला से उड़ान भरी। इसके साथ ही नासा के पास एक छोटा गल्फ स्ट्रीम जेट भी है जो हवा में प्रदूषक तत्वों का 3डी मैप तैयार करता है। भविष्य में, एयर लैब दक्षिण कोरिया, मलेशिया और थाईलैंड में संचालित होंगी। इस अध्ययन के निष्कर्ष एक साल बाद जारी किये जायेंगे।

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