रेलवे विभाग की नई व्यवस्था; ट्रेनों में अब आसानी से नहीं लिया जा सकेगा वीआईपी कोटा
रेलवे से जुड़े लोगों का कहना है कि यात्रा के दौरान जिस सीट पर कोटा (एचओ) तय किया गया है उस सीट पर बैठने वाले यात्री को मोबाइल नंबर, नाम, पीएनआर नंबर, सीट नंबर, कोटा के साथ कहां जाना है यह भी बताना होगा। यात्री की जानकारी अधिकारी को देनी होगी.
गणेश चतुर्थी के साथ देश में त्योहारी सीजन की शुरुआत होने जा रही है. ऐसे में ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ बढ़ने वाली है. ट्रेनों में सफर करने वाले लोगों को कन्फर्म टिकट मिल सके, इसके लिए रेलवे अब कई अहम कदम उठाने जा रहा है। वेटिंग ट्रेन टिकट कन्फर्म करने के लिए रेलवे अधिकारियों और सांसदों का कोटा (एचओ) लगाने की आड़ में चल रहे खेल का अब पर्दाफाश होगा। क्योंकि रेलवे के दिल्ली मंडल ने इसके लिए उचित दिशा-निर्देश दिए हैं. उत्तर रेलवे ने कहा कि अब कोटा तय करने वाले अधिकारी और यात्री के बीच संबंधों की जानकारी के लिए फॉर्म भरना अनिवार्य होगा.
जानकारी के मुताबिक, त्योहारों के दौरान नई दिल्ली से चलने वाली ट्रेनों की ज्यादातर सीटें फुल हो जाती हैं। कई यात्री कन्फर्म टिकट पाने के लिए स्टेशन का चक्कर लगाते रहते हैं। इसका फायदा उठाकर दलाल उन्हें फंसा लेते हैं और मनमाने ढंग से पैसा हड़प लेते हैं। इसके बाद रेलवे अधिकारियों से मिलीभगत कर या सांसद के नाम पर फर्जी दस्तावेज पेश कर कोटा हासिल कर लेते हैं।
अब रेलवे ने इसकी सच्चाई जानने के लिए यह अभियान शुरू किया है। इसके लिए सभी विभागों को निर्देश दिया गया है कि चलती ट्रेन में कंफर्म सीट पर यात्रा करने वाले यात्रियों से पूछताछ की जाए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कोटा लगाने के पीछे पैसे का लेनदेन तो नहीं है. इसके अलावा जांच किये गये यात्रियों का विवरण और प्रपत्र की रिपोर्ट प्रतिदिन मंडल कार्यालय को भेजने को कहा गया है.
रेलवे से जुड़े लोगों का कहना है कि यात्रा के दौरान जिस सीट पर कोटा (एचओ) तय किया गया है, उसमें कोटा के साथ सीट पर बैठे यात्री का मोबाइल नंबर, नाम, पीएनआर नंबर, सीट नंबर, गंतव्य स्थान शामिल है। संबंधित अथॉरिटी के साथ यात्री के संबंध की जानकारी देनी होगी. इसके अलावा यात्री के आईडी कार्ड का सत्यापन कर एक फॉर्म भरवाया जा रहा है. हालांकि, ट्रेनों में कई दिनों से अभियान चल रहा है.