कोई कैसे जान सकता है कि आप कब मरने वाले हैं और उससे पहले आपके दिमाग में क्या चल रहा है
मरने से पहले दिमाग क्या सोचता है? इस बारे में कोई सटीक जानकारी तो नहीं है। लेकिन इस मामले में वैज्ञानिकों ने कई सर्वे किए और कुछ महत्वपूर्ण तथ्य मिले। वैज्ञानिकों ने इस बारे में बहुत अध्ययन किया और उसमें तंत्रिका विज्ञान के बारे में जानकारियां मिली।
वैज्ञानिकों ने कुछ मरीजों के तंत्रिका तंत्र की निगरानी की, जिसके लिए उन्होंने मरीज के परिवार वालों से अनुमति ली। वैज्ञानिकों ने इंसानों के साथ पशुओं के दिमाग का भी अध्ययन किया, जिससे पता चला कि दोनों का दिमाग मरने से पहले एक की तरह कार्य करता है। एक समय ऐसा भी आता है जब दिमाग काम करना बंद कर देता है और वह फिर से काम करने लगता है।वैज्ञानिकों ने शोध में पाया कि जब किसी की मौत होती है तो उसके शरीर में रक्त का प्रवाह बंद जाता है और इस वजह से दिमाग में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
इसी वजह से इस दौरान व्यक्ति के शरीर में सेरेब्रल इस्किमया नाम की स्थिति पैदा होती है, जिससे दिमाग की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी बिल्कुल खत्म हो जाती है। यह प्रक्रिया मौत की होती है।वैज्ञानिकों ने मरीज की न्यूरोलॉजिकल गतिविधियों पर निगरानी रखी और किसी भी मरीज को बेहोशी से वापस लाने के लिए इलेक्ट्रोड का इस्तेमाल नहीं किया।
वैज्ञानिकों को शोध में पता चला 9 में से 8 मरीजों के दिमाग ने उनकी मौत को टालने की कोशिश की। कुछ लोगों में दिल की धड़कन रुकने के बाद भी दिमाग की कोशिकाओं और न्यूरॉन काम कर रहे थे।
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