Chanakya Niti: बुरे वक्त में न रखें ये रवैया, नहीं तो अपना ही होगा फायदा

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चाणक्‍य नीति: इंसान अक्सर असमंजस में पड़ जाता है कि वह कौन सा रास्ता अपनाए और क्या करे और क्या न करे। जीवन में वह हर चीज के बारे में सोचता है चाहे वह आसान हो या टेढ़ी, उसे किसके साथ कैसा व्यवहार रखना चाहिए। तो फिर इनमें से हर सवाल का जवाब आपको चाणक्य नीति से मिलता है। तो आइए जानते हैं आपके हर सवाल का जवाब..चाणक्य नीति से..

चाणक्य के बताए रास्ते पर चलकर लोगों की कठिन से कठिन समस्याओं को भी आसानी से हल किया जा सकता है. चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति का आचरण ही उसके व्यक्तित्व की पहचान है। मनुष्य जैसा कर्म करता है वैसा ही परिणाम भोगता है। चाणक्य ने बताया कि किस तरह के लोगों को जीवन में हर मोड़ पर अत्याचार सहना पड़ता है। चाणक्‍य कहते हैं कि चाहे कितना भी बुरा समय आए, ऐसे में इंसान को ऐसा स्वभाव नहीं रखना चाहिए, नहीं तो वह अपना ही फायदा उठाना शुरू कर देता है।

चाणक्य ने कहा था कि जो लोग स्वभाव से बहुत सरल होते हैं उन्हें समाज में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। चाणक्य ने मनुष्य की सरलता की तुलना जंगल के एक पेड़ से की है जिसे काटना आसान है। यानी जो पेड़ सीधे होते हैं उन्हें पहले काटा जाता है क्योंकि उनमें मेहनत कम लगती है।

वहीं दूसरी ओर जो पेड़ टेढ़े-मेढ़े होते हैं वे अंत तक मजबूत बने रहते हैं। इसका मतलब है कि बहुत अधिक सरल स्वभाव आपके लिए हानिकारक है। इंसान को परिस्थिति के अनुसार चतुराई दिखाना बहुत जरूरी है, नहीं तो अजनबी अपना फायदा उठाने लगते हैं।

जो व्यक्ति बहुत भोला होता है वह कमजोर माना जाता है। चाणक्य अधिक सीधे स्वभाव को मूर्खता की श्रेणी में रखते हैं। उनका कहना है कि यदि मनुष्य बुरे समय में अपना स्वभाव नहीं छोड़ता तो उसे हर समय परेशानी से गुजरना पड़ता है। इसीलिए, जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए और इस स्वार्थी दुनिया में खुद को बचाने के लिए थोड़ा चतुर और चालाक बनना होगा।

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