‘आप’ ने कांग्रेस के सामने रखी ये नई शर्त
नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी विपक्ष की एकता को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है. यदि कांग्रेस संसद में दिल्ली अध्यादेश का विरोध नहीं करती है, तो AAP कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष का हिस्सा नहीं होगी। अब ‘आप’ ने कांग्रेस के सामने नई शर्त रख दी है. पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा है कि कांग्रेस को राहुल गांधी को तीसरी बार अपने नेता के तौर पर पेश नहीं करना चाहिए.
AAP ने कांग्रेस पर साधा निशाना
आप नेता ने परोक्ष रूप से कांग्रेस के संविधान बचाने के मिशन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर देश बचाना है तो कांग्रेस को पहले यह घोषणा करनी चाहिए कि वह तीसरी बार राहुल गांधी पर दांव नहीं लगाएगी और विपक्ष भी जबरदस्ती नहीं करेगा. संविधान बचाने से ज्यादा जरूरी देशहित है.
एकजुट विपक्ष पर AAP के कड़े बोल
आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा और संजय सिंह को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 जून को पटना में आमंत्रित किया था। विपक्षी दलों की मेगा बैठक में लिया हिस्सा. संयुक्त बयान के लिए आप नेता बैठक में नहीं रुके और लंच के बाद वापस दिल्ली चले गये. दिल्ली से आप ने बयान जारी कर कहा कि अगर कांग्रेस दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर आप का समर्थन नहीं करती है तो कांग्रेस के साथ गठबंधन करना बहुत मुश्किल होगा.
ममता बनर्जी ने राहुल और केजरीवाल के सामने रखा ये प्रस्ताव
बैठक में जहां केजरीवाल ने सीधे राहुल गांधी से बात की और उनसे मतभेद भुलाकर आगे बढ़ने का आग्रह किया, वहीं राहुल गांधी ने उनसे कहा कि अध्यादेश पर चर्चा करने की एक प्रक्रिया होती है. बैठक में मौजूद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रस्ताव दिया कि राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल चाय या दोपहर के भोजन पर अपने मतभेद सुलझा लें।
खड़गे ने AAP के आरोपों पर पलटवार किया
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे ने आप के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि आप के प्रवक्ता कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं. ऐसा तब हुआ जब प्रियंका कक्कड़ ने हमला तेज कर दिया और दावा किया कि राहुल गांधी और बीजेपी के बीच समझौता हुआ है कि कांग्रेस दिल्ली अध्यादेश का समर्थन करेगी.