कुदरत के किसी करिश्मे से कम नहीं हैं ये, एक शरीर, दो जान, दो चेहरे और 4 बाजू, आप भी देखियें यह करिश्मा
एक शरीर, पर दो जान, दो चेहरे और दो बाजू l कुदरत के किसी करिश्मे से कम नहीं हैं ये, यकीन नहीं होता तो अपनी आँखों से देख लीजिये ये तस्वीरो मे l ये है पंजाब के अमृतसर निवासी दो भाई सोहणा और मोहण l दिल्ली के सुचेता क्रपलानी हॉस्पिटल में 14 जून 2003 को आपस में जुड़े दो बच्चों का जनम हुआ था l डॉक्टर्स ने कहा था की इन्हें अलग नही किया जा सकता है l इनका बचना मुश्किल है, लेकिन ऐसी सभी आशंकाओ को जूठा साबित करते हुए ये दोनों बच्चों का सितम्बर में बर्थडे भी थाl
बता दें की दोनों बच्चों का बदन एक है l दो चेहरे,चार हाथ सामान्य बच्चों की तरह चलते है, लेकिन दो टांगे दो अलग-अलग दिमागों काम करते है l इनके सिर छाती दिल फेफड़े और रीढ़ अलग अलग है, लेकिन किडनी लीवर और ब्लैडर सहित शरीर के दुसरे अंग एक ही है l आज के अति आधुनिक युग में भी सोहण-मोहण डॉक्टरों के लिए चनोती बने हुए है l
न्यरो सर्जन डॉ मुकुल वर्मा का मानना है कि दो लाख बच्चों के जन्म के बाद आपस में जुड़ा एक बच्चा पैदा होता हैl ऐसे आधे से ज्यादा बच्चे जन्म के चौबीस घंटो के बीच दम तोड़ देते है लेकिन सोहण मोहण एक चैलेंज है l इन्हें अलग नहीं किया जा सकता लेकिन इन्हे देखकर ये नहीं लगता है की कोई दिक्कत है l ये स्वस्थ है और आराम की जिंदगी जी रहे है l
सोहण मोहण का जन्म जब हुआ था तो माता पिता कामिनी और सुरजीत कुमार ने हॉस्पिटल से इन्हें किसी ऐसी संस्था को देने को कहा जो इनकी बेहतर देखभाल कर सके l इनकी जानकारी जब बेसहारा और बिमारो की सेवा में जुटी संस्था पिंगलवाड़ा को लगी तो उन्होंने इन बच्चों की जिमेदारी ले ली और साथ में ले गए l
और दोनों की पसंद भी अलग अलग है l सोहण शिक्षक बनना चाहता है तो मोहण डॉक्टर l सोहण को खेलना पसंद है तो मोहण को आराम पसंद है l लेकिन कभी-कभी उन्हें ईश्वर से गिला करते सुना है की हे भगवान हमें इस तरह क्यों बनाया l