क्या आप जानते हैं प्रसाद ग्रहण करने के बाद सिर पर हाथ फेरने का कारण?

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सनातन परंपरा में भगवान की पूजा में प्रसाद का बहुत महत्व है । भक्त अपने देवी-देवताओं को मनचाहा भोग लगाकर प्रसन्न करते हैं। तीज-उत्सव और घर में आयोजित शुभ कार्यक्रमों के दौरान भगवान को विशेष प्रसाद चढ़ाया जाता है। कुछ लोग मंदिर या घर में प्रसाद ग्रहण करते समय सिर पर हाथ फेरते जरूर दिखाई देते हैं। हालांकि इसकी वजह कम ही लोग जानते हैं।

ज्योतिष क्या कहता है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रसाद खाने के बाद सिर के ऊपर हाथ फेरने से लाभ होता है। हाथों को सिर के ऊपर ले जाया जाता है ताकि ईश्वर की कृपा हमारे सिर तक पहुंच सके। कहा जाता है कि जब हम प्रसाद खाते हैं तो यह भगवान की कृपा का प्रतीक होता है। जब हम उसे प्राप्त करके अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाते हैं, तो हम उस कृपा को मन तक पहुंचाना चाहते हैं।

मृत्यु के संबंध में एक अलग नियम है

ज्योतिष भी कहता है कि सिर पर हाथ फेरने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और शरीर में दिव्य योग जाग्रत होता है, जिससे हमारा मन अध्यात्म की ओर अग्रसर होता है। हालांकि यह भी कहा जाता है कि चरणामृत ग्रहण करने के बाद भूलकर भी सिर पर हाथ नहीं फेरना चाहिए।

दाहिना हाथ शुभ माना जाता है

एक बात का ध्यान रखें कि हिंदू धर्म में सिर्फ दाएं हाथ को ही शुभ माना जाता है। हवन में पूजा करने से लेकर यज्ञ और यज्ञ करने तक में दाहिने हाथ का प्रयोग किया जाता है भगवान का प्रसाद सदैव दाहिने हाथ से ग्रहण करना चाहिए, किसी को दान देते समय दाहिने हाथ का प्रयोग करना चाहिए। आरती लेते समय भी सीधे हाथ आगे लाए जाते हैं।

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