किन्नरों से जुड़ी 10 ऐसी रोचक बातें जो कम ही लोग जानते हैं

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क‌िन्नर अथवा ह‌िजड़े न तो पूर्ण रूप से पुरुष होते हैं और न महिला इसलिए इनका अलग ही संप्रदाय होता है। किन्नर समुदाय समाज से अलग ही रहता है और इसी कारण आम लोगों में उनके जीवन और रहन-सहन को जानने की जिज्ञासा बनी रहती है। किन्नरों का वर्णन ग्रंथों में भी मिलता है। यहां जानिए किन्नर समुदाय से जुड़ी 10 खास बातें…

  • ज्योतिष के अनुसार वीर्य की अधिकता से लड़का (पुत्र) जन्म लेता है। रज की अधिकता से लड़की (पुत्री) जन्म लेती है। वीर्य तथा रज समान हो तो किन्नर संतान होती है।

  • किसी नए व्यक्ति को किन्नर समाज में शामिल करने के भी कुछ नियम हैं। इसके लिए कई रीति-रिवाज हैं, जिनका पालन किया जाता है। नए किन्नर को शामिल करने से पहले नाच-गाना और सामुहिक भोज करवाया जाता है।

  • किसी किन्नर की मृत्यु के बाद उसका अंतिम संस्कार बहुत ही गुप्त तरीके से किया जाता है।

  • कहा जाता है कि किन्नर की दुआएं किसी भी व्यक्ति के बुरे समय को दूर कर सकती हैं। धन लाभ चाहते हैं तो किसी किन्नर से एक सिक्का लेकर पर्स में रखें।

  • किन्नर भी शादी करते हैं और दुल्हन बनते हैं लेकिन केवल एक रात के लिए। क‌िन्नरों के दुल्हा बनते हैं इनके अपने भगवान।

  • महाभारत में जब पांडव एक साल के अज्ञात वास काट रहे थे, तब अर्जुन एक साल तक किन्नर के रूप में रहे थे।

  • ये भी एक मान्यता है कि ब्रह्माजी की छाया से किन्नरों की उत्पत्ति हुई है। दूसरी तरफ ये भी एक मान्याता है कि अरिष्टा और कश्यप ऋषि से किन्नरों की उत्पत्ति हुई है।

  • पुरानी मान्यताओं के अनुसार शिखंडी को किन्नर ही माना गया है। शिखंडी की वजह से ही अर्जुन ने भीष्म को युद्ध में हरा दिया था।

  • कहते हैं कि यदि कुंडली में बुध ग्रह बहुत कमजोर हो तो किसी किन्नर को हरे रंग की चुड़ियां व साड़ी दान करनी चाहिए। इससे लाभ होता है।

  • कुंडली में बुध,शनि,शुक्र और केतु के अशुभ योगों के व्यक्ति किन्नर या नपुंसक हो सकता है।

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