अग्नि-5 मिसाइल: चीन-पाक से आधी दुनिया पर हमला कर सकता है भारत का ये हथियार

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भारत ने स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल का रात्रि परीक्षण पूरा कर लिया है। इसमें भारतीय वैज्ञानिकों को सफलता मिली है। हम यहां बात कर रहे हैं ‘अग्नि 5’ मिसाइल की। यह मिसाइल 5 हजार किलोमीटर से अधिक की दूरी पर परमाणु बम से लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। नवीनतम परीक्षण नई तकनीक और उपकरणों का परीक्षण करना था। ये नए डिवाइस पहले के मुकाबले काफी हल्के हैं। इस सफल परीक्षण के बाद भारतीय सेना की ताकत और बढ़ गई है, जिसे देखकर चीन की चिंता बढ़ गई है. जब भारत ने अग्नि-5 मिसाइल के परीक्षण की घोषणा की तो चीन ने अपने जासूसी जहाज युआन वांग-5 को हिंद महासागर की ओर मोड़ दिया। हालांकि भारतीय नौसेना भी चीन के इस जासूसी जहाज पर नजर बनाए हुए है। भारत ने कहा कि मिसाइल का परीक्षण 15-16 दिसंबर को करने को कहा गया था। हालांकि पहले दिन ही परीक्षण पूरी तरह सफल रहा। इस मिसाइल में ऐसी कई विशेषताएं हैं, जिसने पड़ोसी देश चीन के साथ तनाव बढ़ा दिया है।

क्या है की विशेषताएं

अग्नि 5 मिसाइल 5,500 किमी से अधिक की मारक क्षमता में सक्षम है, जो अपने आप में कई मिसाइलों से कहीं अधिक लंबी है। इतना ही नहीं यह मिसाइल 1,360 किलोग्राम वजनी हथियार ले जाने में भी सक्षम है, जो इसे और भी खतरनाक बनाता है। यह मिसाइल रात में मार करने में पूरी तरह से सक्षम है और टारगेट को सेट करके तबाह कर सकती है। इतना ही नहीं यह परमाणु हथियारों से भी मार करने में सक्षम है।

पहले के फायर मिसाइल भी कम नहीं हैं

अग्नि-5 से पहले अग्नि-1 से अग्नि-4 मिसाइलें भारत में निर्मित होती थीं। ये मिसाइलें भी बहुत शक्तिशाली थीं। अग्नि-4 मिसाइल को और भी ताकतवर मिसाइल माना जाता है। यह 4 हजार किलोमीटर दूर तक के टारगेट को नेस्तनाबूद करने में सक्षम है। यह मिसाइल 1 हजार किलो वजनी हथियार ले जा सकती है। पहले की अग्नि-3 मिसाइल, जिसकी लंबाई 17 मीटर थी, 3 हजार किलोमीटर दूर तक के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। यह 1500 किलो तक के हथियार ले जाने में सक्षम है।

21 मीटर लंबी अग्नि-2 सीरीज मिसाइल

अग्नि-2 सीरीज की मिसाइल 21 मीटर लंबी है और इसकी रेंज 2500 किलोमीटर है। यह अपने साथ 1000 किलो वजनी हथियार ले जा सकता है। जबकि अग्नि-1 इस सीरीज की पहली मिसाइल है। जिसे DRDO ने कारगिल युद्ध के बाद बनाया था। यह 700 किमी तक के दायरे में लक्ष्य को भेदने और नष्ट करने में सक्षम है।

एशिया, यूरोप के कुछ हिस्सों, यूक्रेन, रूस, जापान, इंडोनेशिया पर हमला कर सकता है

अगर भारत इस मिसाइल को लॉन्च करता है तो यह पूरे एशिया, यूरोप के कुछ हिस्सों, यूक्रेन, रूस, जापान, इंडोनेशिया पर हमला कर सकता है। इस मिसाइल की सबसे खास बात इसकी MIRV तकनीक (मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल) है। इस तकनीक में मिसाइल पर लगे वॉरहेड्स की संख्या बढ़ाई जा सकती है। यानी एक मिसाइल एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है।

अग्नि-5 मिसाइल (अग्नि-V ICBM) का पहला सफल परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को हुआ था। इसके बाद 15 सितंबर 2013, 31 जनवरी 2015, 26 दिसंबर 2016, 18 जनवरी 2018, 3 जून 2018 और 10 दिसंबर 2018 को सफल परीक्षण किए गए। अग्नि-5 मिसाइल का सात बार सफल परीक्षण किया जा चुका है। इन परीक्षणों में मिसाइल को विभिन्न मानकों पर परखा गया। जिसमें पाया गया कि यह मिसाइल दुश्मन को तबाह करने का बेहतरीन हथियार है।

50 हजार किलो वजनी अग्नि-5 मिसाइल

50 हजार किलो वजनी अग्नि-5 मिसाइल को 200 ग्राम के कंट्रोल एंड गाइडेंस सिस्टम से नियंत्रित किया जाता है। इसे इसी मिसाइल पर फिट किया गया है। इसे ऑन-बोर्ड कंप्यूटर आधारित सिस्टम ऑन चिप (एसओसी) कहा जाता है। MIRV तकनीक का मतलब है कि मिसाइल की नोज पर दो से 10 वॉरहेड लगाए जा सकते हैं। यानी एक ही मिसाइल एक साथ कई सौ किलोमीटर में फैले 2 से 10 अलग-अलग लक्ष्यों को निशाना बना सकती है।

  

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