डिजिटल भुगतान के समय धोखाधड़ी का डर, अब घबराने की जरूरत नहीं, इससे होगी सही-गलत की पहचान
पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने डिजिटल भुगतान के दौरान होने वाली धोखाधड़ी को खत्म करने के लिए प्रतिमा प्रोजेक्ट लॉन्च किया है। इसके आने से लोगों को काफी फायदा होगा। भुगतान के दौरान सही-गलत की पहचान करना उनके लिए आसान होगा, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाएगी।
मनीकंट्रोल से बात करते हुए, पीसीआई के कार्यकारी निदेशक गौरव चोपड़ा ने कहा – “यह एक ऐसा प्रोजेक्ट है जिसे पीसीआई ने भुगतान में सबसे आम उपयोग के मामलों के लिए आइकन आकार देना शुरू कर दिया है। इसके पीछे मुख्य विचार लोगों को धोखाधड़ी से बचाना है। और डिजिटल पेमेंट को बढ़ाना है। उचित मार्किंग से ग्राहकों को भुगतान करते समय होने वाली धोखाधड़ी से बचाया जा सकेगा।’
परियोजना का नाम प्रतिमा संस्कृत से लिया गया है। प्रतिमा का अर्थ संस्कृत में ‘प्रतीक’ है। मिली जानकारी के मुताबिक मौजूदा समय में अलग-अलग ऐप अलग-अलग तरह के आइकन का इस्तेमाल करते हैं, जिससे लोगों को पेमेंट के समय दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस प्रोजेक्ट के तहत इन खामियों को दूर किया जाएगा। प्रतिमा प्रोजेक्ट के तहत बुनियादी भुगतान कार्यों और प्रक्रियाओं के लिए एकसमान दिखने वाले आइकॉन बनाए जाएंगे, जिससे लोगों की परेशानी कम होगी।
प्रोजेक्ट को लागू करने वाले कोर ग्रुप में FamPay, सेतु, Jupiter, Amazon Pay, Safexpay और Paytm के वालंटियर डिज़ाइनर शामिल हैं। इसके अलावा कई अन्य बैंकों के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल हैं।
नोटबंदी और कोरोना के बाद से डिजिटल पेमेंट के जरिए लेन-देन काफी बढ़ गया है। जिससे ठगी के मामले भी बढ़ गए हैं। हर साल इस फ्रॉड से देश को करोड़ों रुपए का नुकसान होता है। अगर इस साल की ही बात करें तो अप्रैल से जून के बीच यूपीआई फ्रॉड के 84,145 मामले सामने आ चुके हैं. कई मामलों में कार्रवाई भी हुई है, लेकिन अभी तक इस पर काबू नहीं पाया जा सका है.