पॉलीहाउस की खेती में खीरे की खेती से चार महीने में कमाए 18 लाख, जानिए दौसा के एक किसान की कहानी

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देश भर के किसानों के बीच कृषि में आधुनिक तकनीक का उपयोग बढ़ रहा है। इससे खेती बहुत आसान हो गई है जबकि किसानों की समृद्धि बढ़ रही है। सदियों से पारंपरिक खेती करने वाले किसान युवा किसानों के अलावा आधुनिक तरीके भी अपना रहे हैं। राजस्थान के किसान आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाकर नई ऊंचाइयों को प्राप्त करते हैं। राजस्थान के दौसा जिले के खरवारावजी के किसान बाबूलाल शर्मा और विनेश जैन ने पारंपरिक खेती की तुलना में पॉलीहाउस में खेती करके भारी मुनाफा कमाया है।

किसान बाबूलाल शर्मा के प्रयासों की पूरा क्षेत्र सराहना कर रहा है। दौसा के कलेक्टर कमर उल जमान चौधरी ने उनकी आधुनिक खेती के तरीकों को देखा और उनकी प्रशंसा की। किसान बाबूलाल शर्मा कई वर्षों से बाजरा और गेहूं की खेती कर रहे थे। इस फसल को उगाने में काफी मेहनत लगती थी और आमदनी भी ज्यादा नहीं थी। परंपरागत खेती के कारण खेती की लागत बढ़ी और उत्पादन घटने लगा। इसके बाद दोनों किसानों ने आधुनिक कृषि तकनीक की ओर रुख किया। उन्होंने अपने फार्म में पॉलीहाउस मनाया। इसके साथ ही उन्होंने खेत तलवाड़ी बनाकर खीरे की व्यावसायिक खेती शुरू की।

बाबूलाल शर्मा और विनेश जैन ने आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर स्मार्ट फील्ड का निर्माण किया है। इसमें एक पॉलीहाउस के साथ-साथ सिंचाई के लिए एक फार्म टैंक भी है। इस तालाब में पॉलीहाउस और आसपास के खेतों की छत से बारिश का पानी इकट्ठा होता है। जिससे भूजल स्तर अपने स्तर पर बना रहता है और सिंचाई के पानी की काफी बचत होती है।

पॉलीहाउस में ड्रिप इरिगेशन भी किया जाता है, जिसमें बूंद-बूंद पानी का उपयोग किया जाता है। दोनों किसानों ने बताया कि पिछले साल इसी तकनीक की मदद से उन्होंने खीरा लगाकर 4 महीने में 18 लाख रुपये कमाए थे. इस साल फिर से दोनों किसानों ने पॉलीहाउस में खीरे की फसल लगाई है. इस साल 5 महीने में पॉली हाउस में खीरे की खेती से 35 लाख तक की कमाई होने का अनुमान है.

राजस्थान में सरकार खेत तलवाड़ी बनाने के लिए 100000 और कच्चे खेत पाउंड के लिए 700000 तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। साथ ही किसानों को पॉली हाउस बनाने के लिए 50 से 70 प्रतिशत सब्सिडी भी मिल रही है। दौसा के किसान बाबूलाल शर्मा ने सरकारी मदद और आधुनिक कृषि तकनीक अपनाकर क्षेत्र के किसानों को नई राह दिखाई है। अगर आप भी आधुनिक कृषि तकनीकों और नए प्रयोगों के बारे में जानना चाहते हैं तो आप सरकार के कृषि विभाग की मदद ले सकते हैं।

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